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जागरण संवाददाता, हमीरपुर : जिले की 64 सहकारी संस्थाओं से करीब 95 हजार किसान सदस्य के रूप में जुड़े हैं लेकिन इनमें से मात्र 35 हजार सदस्य सक्रिय हैं। जिनका कृषि व्यवसाय सहकारी समितियों के लेनदेन पर निर्भर है। मौजूदा में जिले की समितियों का मुख्य व्यवसाय खाद बिक्री व गेहूं खरीद है।
जिले में संचालित 64 सहकारी संस्थाओं में 45 साधन सहकारी समितियां, 15 सहकारी संघ व चार क्रय विक्रय समितियां हैं। इनसे जिले का 95 हजार किसान सदस्य के रूप में जुड़ा है। विभाग के एडीसीओ त्रिभुवन यादव ने बताया कि इन सदस्यों में मात्र 35 हजार सक्रिय है। उन्होंने बताया कि सभी संस्थाओं के कार्य अलग अलग होने के अलावा खाद बिक्री व गेहूं खरीद मुख्य व्यवसाय है। बताया कि साधन समितियों के माध्यम से लोगों को खाद बीज का वितरण किया जाता है। वहीं सदस्यों को लिमिट के हिसाब से ऋण भी उपलब्ध कराया जाता है। वहीं सहकारी संघों में सवाई योजना चलाई जाती है। जिसमें जरूरतमंदों को अनाज देकर उनसे सवाया लिया जाता है। वहीं क्रय विक्रय समितियों में ब्लाक स्तर पर लोगों को खाद बीज उपलब्ध कराया जाता है।
बनाए गए 11 नए गोदाम
सहकारी समितियों में खाद बीज रखने को 11 स्थानों पर नए गोदामों का निर्माण कराया गया है। एडीसीओ के अनुसार कई समितियों की टूटी बाउंड्रीवाल का निर्माण भी कराया गया है।
जर्जर भवन में संचालित सहकारी संघ कुरारा
कुरारा में संचालित सहकारी संघ का भवन जर्जर है। यहां कार्य करने वाले कर्मचारी जान जोखिम में डालकर बैठते है। वहीं आने जाने वाले किसानों को भी हादसे की आशंका बनी रहती है। वहीं गोदाम बारिश के मौसम में खाली रखने पड़ते है। सचिव सतवीर सिंह ने बताया कि संघ से करीब नौ सौ सदस्य जुड़े हैं।
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35 हजार किसानों के व्यवसाय का आधार सहकारी समितियां - दैनिक जागरण
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