ग्लोकल यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम में डॉक्टर कनुप्रिया गुप्ता ने कहा कि कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से अधिकांश व्यवसाय ग्राहक आधार में गिरावट, ऑन-होल्ड भुगतान, कम कार्यबल, प्रौद्योगिकी की अनिवार्यता और कच्चे माल, आपूर्ति की अनुपलब्धता के साथ गति बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे थे। इस प्रक्रिया में उत्पादन गहन उद्योगों को सबसे अधिक नुकसान हुआ। हालांकि फार्मा और स्वास्थ्य उद्योग ने हर समय तीव्र दबाव झेला, लेकिन यह व्यवसाय फला-फूला। इसने कई लोगों को अपने करियर के विकल्प के रूप में फार्मा और स्वास्थ्य क्षेत्र को अपनाने के लिए प्रेरित किया। अस्पताल प्रशासन, भेषज, स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधन, फिटनेस, योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा आदि से संबंधित प्रबंधन पाठ्यक्रम एक बढ़ा हुआ करियर विकल्प बन गया है।
उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग आसानी से घर के पैटर्न से काम करने लगे। कंपनियां वर्चुअल मोड को लागत में कटौती के नए उपकरण के रूप में देखती हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर साइंस और अन्य आईटी संबंधित पाठ्यक्रमों में इंजीनियरिंग को भी शिफ्ट में बढ़ावा मिलेगा।
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