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- संवाद सहयोगी, ठाकुरगंगटी : गोड्डा जिला में वैसी गरीब व असहाय तबके की महिलाओं को फूलो झानों आशीर्वाद योजना के तहत 10,000 रुपये ऋण देकर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। जिसमें स्थानीय स्वयं सहायता समूह की महिलाएं भी अहम भूमिका निभा रही हैं। ठाकुरगंगटी प्रखंड के चपरी पंचायत अंतर्गत आदिवासी गांव बीरहिमकिता की 30 वर्षीय महिला बाहामय बेसरा अपना किराना दुकान चलाकर बच्चों को बेहतर शिक्षा दिला रही हैं। इसके साथ ही वह अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं। यह स्वयं सहायता समूह की दीदियों के मार्गदर्शन व ऋण मिलने के बाद ही संभाव हो पाया।
बाहामय बेसरा करीब पांच वर्षों से हड़िया दारु बनाकर बेचने का काम करती थी। उससे जो आमदनी होती थी उससे किसी प्रकार अपने परिवार व बच्चों का भरण पोषण करती थी। तीन वर्ष पहले स्वयं सहायता समूह से जुड़ी थी। समूह से जुड़ने के कुछ दिन बाद से ही लाभ मिलना शुरू हो गया। इस दौरान उसे बीआरपीएसडी रेखा देवी से आपेक्षित सहयोग मिलता रहा। बाहामय को करीब एक वर्ष पूर्व फूलों झानो आशीर्वाद योजना के तहत 10,000 रुपये का व्यक्तिगत ऋण मिला। ऋण राशि मिलने के बाद बाहामय बेसरा ने हड़िया दारु बनाकर बेचने का व्यवसाय छोड़ दिया। अपने घर में किराना दुकान खोला। मेहनत के बदौलत दुकान चलने लगा व उससे अच्छी खासी आय होने लगी। हाल के महीनों में महिला ने किराना दुकान की कमाई कुछ पैसे बचाकर फोटोस्टेट मशीन भी लगाया है। जिससे भी उसे अतिरिक्त आमदनी हो रही है। बाहामय बेसरा के तीन बच्चे हैं। जिसमें 10 वर्षीया एडमिन मरांडी कक्षा पांच में, सात वर्षीया रिमझिम प्रिया मरांडी कक्षा तीन में और छह वर्षीय पीयूष मरांडी छह में पढ़ता है। बहामय बेसरा अपने तीनों बच्चों को बेहतर तरीके से शिक्षित कर रही है। इसके साथ ही अपने परिवार का भरण-पोषण भी कर रही है। उसके पति तालाबाबू मरांडी भी कभी-कभी दुकानदारी में हाथ बताते हैं।
Edited By: Jagran
व्यवसाय शुरू कर अत्मनिर्भर बन रही महिलाएं - दैनिक जागरण
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