Author: JagranPublish Date: Thu, 19 May 2022 04:09 PM (IST)Updated Date: Thu, 19 May 2022 04:09 PM (IST)
मिशन तंदुरुस्त पंजाब के तहत जिला बठिडा में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत सभी खाद्य व्यवसाय संचालकों को लाइसेंस और पंजीकृत कराने के लिए अभियान चलाया गया है।
जासं, बठिडा : मिशन तंदुरुस्त पंजाब के तहत जिला बठिडा में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत सभी खाद्य व्यवसाय संचालकों को लाइसेंस और पंजीकृत कराने के लिए अभियान चलाया गया है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. उषा गोयल ने कहा कि बठिडा जिले में केवल 15 से 20 प्रतिशत खाद्य व्यवसाय संचालकों के पास खाद्य लाइसेंस पंजीकृत हैं, जोकि बहुत कम है। खाद्य सुरक्षा अधिनियम इस खाद्य व्यवसाय को भोजन की गुणवत्ता या मिलावट में सुधार के लिए संगठित क्षेत्र में लाने के लिए अधिनियमित किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी व्यक्ति का सालाना टर्नओवर 12 लाख से कम है, तो उसे सिर्फ रजिस्ट्रेशन करना होगा, जिसके लिए सालाना फीस मात्र 100 रुपये है। जिसकी टर्नओवर 12 लाख से ऊपर है, उसके लिए खाद्य लाइसेंस जरूरी है। रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस अप्लाई करने का काम आनलाइन है, इसलिए दफ्तर के चक्कर लगाने की जरूरत ही नहीं है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. उषा गोयल का कहना है कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के तहत कोई भी खाद्य व्यवसाय संचालक या बिना लाइसेंस के काम करने वाले व्यक्ति पर छह महीने तक की सजा और पांच लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। सभी खाद्य व्यवसाय संचालकों को बिना लाइसेंस की सूरत में उनकी दुकानों को सील किया जा सकता है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी को भी व्यक्ति की स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने अपील कि इस अभियान में सेहत विभाग के साथ जुड़ें और किसी भी दुकान से सामान खरीदते समय फूड लाइसेंस पंजीकरण अवश्य देखें और उसी दुकान से सामान खरीदें और जहां कहीं भी गलत सामान लगता है उसकी सूचना तुरंत जिला स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में दे। खाद्य व्यवसाय संस्थाओं से अनुरोध है कि वे 15 दिन के भीतर अपना देय खाद्य लाइसेंस या पंजीकरण करवाएं करें।
Edited By: Jagran
जिले में 15 से 20 प्रतिशत खाद्य व्यवसाय संचालकों के पास लाइसेंस : डीएचओ - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
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