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Author: JagranPublish Date: Sun, 12 Jun 2022 12:55 AM (IST)Updated Date: Sun, 12 Jun 2022 12:55 AM (IST)
जागरण संवाददाता, सिरसा : बरनाला रोड स्थित दैनिक जागरण जागरण कार्यालय में शनिवार को हेलो जागरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डा. विद्यासागर बांसल से पाठकों द्वारा सवाल पूछे गये। जिसके तहत पाठकों ने पशुपालन डेयरी, गाय, भैंस की देसी नस्ल सुधारने, भेड़ बकरी का व्यवसाय शुरू करने, परिवार उत्थान योजना के तहत यूनिट स्थापित करने व पोल्ट्री फार्म संबंधी योजनाओं के बारे पूछा गया। डा. विद्यासागर बांसल ने सभी पाठकों के पूछे प्रश्नों के सवालों के जवाब दिए।
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खेतीबाड़ी के साथ-साथ कर सकते हैं पशुपालन
पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डा. विद्यासागर ने बताया कि किसानों को खेतीबाड़ी के साथ-साथ पशुपालन, भेड़ बकरी पालन कर सकते हैं। अगर उच्च किस्म के पशु रखेंगे तो पशुपालकों को अधिक आमदनी होगी। राज्य सरकार द्वारा मुर्रा नस्ल को बढ़ावा देने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं इसलिए पशुपालक अच्छी नस्ल के पशु रखें। वर्तमान में पशुओं से प्राप्त दूध एवं उसके द्वारा बनाए उत्पादों के साथ पशुओं के गोबर की उपयोगिता को भी समझना आवश्यक है एवं विभिन्न विधियों द्वारा इसका प्रसंस्करण करके मूल्य संवर्धन कर सकते हैं।
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उपनिदेशक डा. विद्यासागर ने पाठकों के प्रश्नों के दिए जवाब
सवाल : शक्करमंदोरी गांव से जयनारायण, भादड़ा गांव से हरमीत सिंह, रोड़ी से सरोज, बणी से रमेश कुमार, फतेहाबाद के ढाबी से सुरेंद्र, खैरेकां से राजेश कुमार, संतनगर से प्रमोद कुमार, बीरूवालागुढ़ा से गुरदास, खाजाखेड़ा से सोनू देसूमलकाना से मनिद्र सिंह, हरिपुरा से राजेंद्र, बणी से बलजीत सिंह व अन्य पाठकों ने डेयरी पालन व्यवसाय शुरू करने के बारे में पूछा।
जवाब : पशुपालन डेयरी शुरू करने के लिए सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जाता है। इसके लिए गैर अनुसूचित के लोग चार व दस पशुओं पर 25 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इसी के साथ 20 व 50 पशुओं के लिए 25 प्रतिशत अनुदान व बिना ब्याज राशि दी जाती है। अनुसूचित व बीपीएल परिवार को पचास प्रतिशत अनुदान डेयरी पालन पर दिया जाता है। वहीं भेड़, बकरी व सुअर पालन के लिए 25 प्रतिशत अनुदान व अनुसूचित जाति व बीपीएल परिवार को 90 प्रतिशत अनुदान राशि मिलती है।
-सवाल : बणी से उर्मिला, खाई शेरगढ़ से रणवीर सिंह, खाजाखेड़ा से सोनू, चरखीदादरी के गांव मेहड़ा से बलविद्र सिंह, सिरसा से मनजीत सिंह, खोखर से नवीन कुमार ने पशुओं के लोन के बारे में पूछा।
जवाब : पशुओं के लिए बैंकों से ऋण दिलाया जाता है। इसके लिए पहले आनलाइन सरल पोर्टल पर आवेदन करना होगा। इसके बाद संबंधित बैंक के पास फाइल भेजी जाएगी। विभाग द्वारा बैंकों से लोन दिलाने का कार्य किया जाता है।
-- सवाल : हिसार के मंडा गांव निवासी कृष्ण कुमार ने पूछा कि पशु काफी कमजोर होने का कारण क्या है।
जवाब : पशुओं के पेट में कीड़े हो सकते हैं, इससे जो पशुओं को खुराक दी जाती है, वह कीड़े खा जाते हैं। इसके लिए अपने नजदीक पशु केंद्र में पशु को दिखाकर उपचार करवा सकते हैं या पशुओं को कीड़े मार दवाई खिलाएं।
--- सवाल : गांव नाथूसरी कलां से राजेश कुमार ने देसी गाय नस्ल सुधार के लिए सहायता मिलने के बारे में पूछा
जवाब : सरकार द्वारा पशुओं की नस्ल सुधार के लिए स्कीम चलाई जा रही है। इसके लिए एक गाय के लिए 42 हजार रुपये से 60 हजार रुपये तक की राशि मिलती है।
- सवाल : गांव भादड़ा से हरमीत सिंह व सिरसा हरविद्र सिंह ने डेयरी पालन प्रशिक्षण के बारे में पूछा
जवाब : पशु पालन विभाग द्वारा समय समय पर पशु पालन, भेड़ बकरी पालन, सुअर व मुर्गी पालन के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके लिए अपना नाम नजदीक पशु अस्पताल में लिखा सकते हैं। जैसे ही प्रशिक्षण शुरू होगा। इसके बारे में विभाग द्वारा जानकारी उपलब्ध करवा दी जाएगी।
सवाल : रंधावा से प्रदीप कुमार ने पूछा कि उसका जर्मन शैफर्ड कुत्ता दो दिन से खाना नहीं खा रहा है
जवाब : इसका कारण गर्मी ज्यादा होना या पेट में दर्द होना हो सकता है, इसके लिए अपने नजदीक पशु अस्पताल में चिकित्सक को दिखाए।
Edited By: Jagran
पशुपालन अच्छा व्यवसाय, बढ़ा सकते हैं आमदनी : डा. बांसल - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
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