Publish Date: | Tue, 07 Jun 2022 11:06 AM (IST)
दक्षा वैदकर. भोपाल। कोरोना काल ने कई लोगों को अपनी नौकरी को लेकर गंभीरता से सोचने पर मजबूर किया। इस दौर में कई लोगों की नौकरी गई। किसी को महीनों सैलरी नहीं मिली, तो किसी को कम सैलरी दी गई। इन सभी परिस्थितियों से लोगों ने निष्कर्ष निकाला कि कंपनी के अधिकारी जब चाहें निकाल सकते हैं, तो क्यों न खुद का व्यवसाय शुरू किया जाए। यही वजह रही है कि बीते तीन साल में व्यवसाय करने वाले को संख्या 22 से 25 प्रतिशत बढ़ी है। इस क्षेत्र के जानकारों की मानें तो लोग खुद का व्यवसाय तो शुरू कर ही रहे हैं, लेकिन एक बड़ा वर्ग किसी कंपनी की फ्रेंचाइजी लेने में रुचि दिखा रहा है।
फ्रेंचाइजी लेना महंगा, लेकिन फायदेमंद
निवेश सलाहकार जगदीश लोखंडे बताते हैं कि जब आप खुद का व्यवसाय शुरू करते हैं, तो आपको बिल्कुल शून्य से शुरुआत करनी पड़ती है। चूंकि हमारे पास व्यवसाय को खड़ा करने का प्रशिक्षण नहीं होता, तो कई कठिनाइयां सामने आती हैं। ऐसे में ब्रांड बनने में सालों लग जाते हैं। कई बार नुकसान होने पर लोग व्यवसाय ही बंद कर देते हैं, लेकिन जब हम पहले से ही स्थापित किसी कंपनी की फ्रेंचाइजी लेते हैं, तो हमें एक कंपनी द्वारा पहले से तैयार की गई व्यवस्था मिलती है, जिसका हमें सिर्फ अनुसरण करना होता है। ऐसे में सफलता जल्दी मिलती है।
इन क्षेत्रों में है सबसे ज्यादा रुचि
दवा, फैशन, सौंदर्य और स्वास्थ्य, घरेलू उत्पाद, खाद्य-पेय एवं स्वास्थ्य से जुड़ी कंपनियों की फ्रेंचाइजी लेने में लोग सबसे ज्यादा रुचि दिखा रहे हैं। लोगों का मानना है कि कोरोना काल में भी इन क्षेत्रों से जुड़े लोगों को नुकसान नहीं हुआ।
क्यों ले रहे फ्रेंचाइजी
- जब आप किसी कंपनी की फ्रेंचाइजी लेते हैं, तो फ्रेंचाइजर कंपनी आपको सात से 15 दिन का प्रशिक्षण देती है।
- उस व्यवसाय को आपके शहर में स्थापित करने में आपकी मदद करती है।
- जब भी आप किसी मुश्किल भी फंसते हैं, तो आपकी मदद करती है।
22 साल की नौकरी छोड़ व्यवसाय शुरू किया
चंद्रशेखर वोरा बताते हैं कि मैंने 22 साल फार्मा कंपनी में काम किया। कोरोना के दौरान जब सब कुछ बंद था तो मैंने नौकरी छोड़ व्यवसाय का सोचा। उस वक्त मैंने यूसी मास की फ्रेंचाइजी ली, लेकिन लाकडाउन की वजह से वह उस वक्त ज्यादा सफल नहीं हुई। फिर मैंने दिसंबर 2020 में नोएडा की कंपनी तालबोट फोर्स सर्विसेज की फ्रेंचाइजी ली। इस कंपनी में घर के रख-रखाव, विभिन्न तरह की सेवाओं के लिए कर्मचारी उपलब्ध कराने के साथ संपत्ति प्रबंधन किया जाता है। मैं यह कंपनी संभालता हूं और मेरी पत्नी यूसी मास देखती है। अब दोनों व्यवसाय अच्छे चल रहे हैं।
30 लोगों को दे रहा हूं रोजगार
पुष्कर नंदा बताते हैं, मैंने ओरिएंटेल कालेज भोपाल से पढ़ाई करने के बाद दो साल एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम किया। तब पापा ने कहा कि विदेश जाकर आगे की पढ़ाई करो। मैंने उन्हें कहा कि विदेश में पढ़ाई करने में जितना खर्च होगा, उतने रुपये मुझे यहां खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए दें। तब पापा ने मेरी मदद की और मैंने बैंक से लोन लेकर बिजनेस शुरू किया। मैंने बेंगलुरु की कंपनी वीएनएचसी प्रोडक्ट प्रा.लि. का मध्य प्रदेश का मदर डिपो लिया है। यह कंपनी घरेलू सफाई उत्पाद बनाती है, जैसे फिनाइल, सैनिटाइजर। अभी मेरी कंपनी में 30 लोग काम कर रहे हैं।
मेरे पास रोजाना करीब 25 लोग व्यवसाय से संबंधित सुझाव लेने आते हैं। इनमें हाल ही में पढ़ाई पूरी करने वाले युवा भी हैं और नौकरी से परेशान हो चुके 50 साल के सीनियर भी हैं। ऐसे में हम लोगों की रुचि देखते हुए, बजट देखते हुए उन्हें सुझाव देते हैं।
- जगदीश लोखंडे, इंवेस्टमेंट एंड फ्रेंचाइज कंसल्टेंट, फ्रेंचाइज इंडिया (मप्र, छग)
Posted By: Ravindra Soni
MP News: कोरोना काल में नौकरी के बजाय व्यवसाय की ओर बढ़ा रुझान, नए व्यवसायियों की संख्या 25 प्रतिशत बढ़ी - Nai Dunia
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