जलगांव : नंदुरबार उप प्रादेशिक परिवहन कार्यालय (Nandurbar Sub Regional Transport Office) में 83 वाहनो (Vehicles) का फर्जी पंजीयन (Fake Registration) मामले में अभी तक साइबर क्राइम पुलिस ने दो आरटीओ एजंटों (RTO Agents) को जलगांव से गिरफ्तार किया है। लेकिन अभी तक इस मामले में किसी बड़ी मछली तक पुलिस पहुँचने में कामयाब नहीं हुई है। ऐसे में पुलिस की कार्यवाही को संदेह की नजर से देखा जा रहा है कि, पुलिस किस के दबाव में कछवा रफ्तार से छानबीन कर रही है।
ऐसे में सामाजिक कार्यकर्ता गणेश ड़ेंगे ने उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी किरण बीडकरर को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि, केन्द्रीय मोटर वाहन नियमावली, 1989 के नियम 44 के अंतर्गत दोषी वाहन डीलरों के व्यवसाय प्रमाण पत्र निरस्त कर ए लागिंग कार्य में लिप्त अधिकारियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कराने की गुहार लगाई है। दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार किए जाने की मांग कमिश्नर पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर की है।
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83 वाहनों का फर्जी रजिस्ट्रेशन
उन्होंने कहा कि जनवरी 2022 से मई 2022 के बीच उप क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय नंदुरबार में विभिन्न कंपनियों के 83 वाहनों का फर्जी पंजीकरण किया गया। जिसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई है। जिसमें सरकार का बड़े पैमाने पर वित्तीय नुकसान और धोखाधड़ी हुई है। ड़ेंगे ने आरोप लगाया है कि, 196 वाहनों का डाटा सिस्टम हैक निस्तारण कर दिया गया है।
अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से अंजाम दिया गया
इसी तरह उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग की साइड सॉफ्टवेयर डिप्टी कमिश्नर कंप्यूटर और एनआईसी द्वारा बनाई जाती है। इसमें हैक होने की संभावना बहुत कम होती है। जिससे साफ साबित होता है कि, अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से इस कांड को अंजाम दिया गया है। जिस दिन यह फर्जीवाड़ा किया गया यदि उसी दिन अन्य कार्य के लिए लॉगिन का उपयोग किया है। उस दिन साइट हैक कैसे हुई इसकी जांच उपायुक्त कंप्यूटर और एनआईसी के माध्यम से की जाए। इस तरह इस कांड में शामिल कर्मियों की कड़ाई से जांच की जाए इस तरह की मांग की है।
उप प्रादेशिक परिवहन: दोषी वाहन डीलरों के व्यवसाय प्रमाण पत्र करें निरस्त - NavaBharat
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