दंतेवाड़ा (वीएनएस)। राज्य शासन की ओर से स्थानीय कलाओं को बाजार उपलब्ध कराने के माध्यम से पौनी पसारी योजना का प्रारंभ किया गया है। इस योजना अन्तर्गत स्थानीय परंपरागत व्यवसायों के लिए बाजार उपलब्ध कराया गया है।
जिले में पौनी पसारी योजना अंतर्गत कुल 06 पौनी पसारी शेड का निर्माण किया गया है। जिसमें स्थानीय परंपरागत व्यवसायों जैसे लोहे से संबंधित कार्य, मिट्टी के बर्तन, जूते चप्पल तैयार करना, लकड़ी से संबंधित कार्य, पशुओं के लिए चारा, सब्जी भाजी, कपड़ों की बुनाई सिलाई, मूर्तियां बनाना, फूलों का व्यापार, चटाई तैयार करना, पूजा सामग्री, आभूषण व सौंदर्य सामग्री इत्यादी के सामानों की बिक्री की जाती है। सर्व सुविधा युक्त शेड की उपलब्धता से ऐसे स्थानीय छोटे व्यापारियों को राहत मिली है। वे अपने सामानों को आसानी से बेच पाते है। पौनी पसारी योजना से एक ओर पारंपरिक व्यवसायों को बढ़ावा दिया जा रहा है जिससे लोगों को रोजगार का अवसर उपलब्ध हो रहा है।
पुराने समय में लोग परंपरागत रूप से पीढ़ी दर पीढ़ी जैसे कृषि औजार इत्यादि समान बनाकर जीवन यापन करते आएं है, लेकिन आधुनिक समय में मशीनी सामानों का विकल्प कई अन्य धातुओं ने ले लिया है। मशीनी दुनिया में कहीं न कहीं परंपरागत उद्योगों के सहारे जीवन यापन करने वालों के लिए अन्य काम तलाशना एक विवशता बन गई थी। वर्तमान परिवेश में मशीनीकरण के प्रयोग से परंपरागत व्यवसाय सिमटता जा रहा है, लेकिन पौनी पसारी योजना ने परंपरागत व्यवसाय को नई दिशा देकर इन छोटे उद्योगों के लिए रास्ता आसान कर दिया। बदलती हुई परिस्थितियों में आधुनिकता की दौर में विलुप्त हो रही परंपरागत चीजों को बढ़ावा देने के लिए व नियमित रूप से रोजगार देने के उद्देश्य से पौनी पसारी योजना, व्यवस्थित बाजार उपलब्ध कराते हुए जीविकोपार्जन हेतु आर्थिक रूप से लोगो को मजबूत कर रही है। पौनी पसारी योजना से 120 परिवार लाभान्वित हो रहे है। इससे जहां एक ओर बेरोजगारी की समस्या का निदान हो रहा है और गांव की अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो रही है।
सफलता की कहानी : पौनी पसारी योजना ने दिया पारंपरिक व्यवसाय को जीवन - Vision News Service
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