![](https://www.jagranimages.com/images/newimg/09112022/09_11_2022-09nar_31_09112022_129.jpg)
महेंद्रगढ़, जागरण संवाददाता: भले ही नाटो देश इन दिनों रूस और यूक्रेन युद्ध में व्यस्त हों पर उनके नागरिकों को उत्तरी भारत पसंद आ रहा है। फ्रांस, जर्मनी, इटली, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, अमेरिका सहित विभिन्न देशों के हर रोज करीब 100 से 125 नागरिक नारनौल होते हुए दिल्ली से राजस्थान जा रहे हैं।
पर्यटन के क्षेत्र में नारनौल भी बड़ा नाम है पर विडंबना यह है कि अभी तक इन विदेशी पर्यटकों को यहां की एतिहासिक धरोहर अपनी और नहीं खींच पा रही हैं। इसके लिए नारनौल के होटल व्यवसाय से जुड़े लोग कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। ये पर्यटक नारनौल के होटलों में राजस्थान जाने से पहले यहां पर दोपहर का भोजन जरूर लेते हैं। इससे नारनौल में भी डालर के रूप में आमदनी जरूर शुरू हो गई है और इससे शहर के होटल संचालक खुश हैं।
बीरबल का छत्ता, अलीजान बावड़ी, जल महल, चोर गुंबद, शेरशाह सूरी के दादा अब्राहम सूर का मकबरा सहित दर्जनभर ऐतिहासिक धरोहर आज भी बहुत ही अच्छी स्थिति में मौजूद हैं। जिला प्रशासन इन दिनों बीरबल का छत्ता और अलीजान की बावड़ी की मरम्मत भी करवा रहा है। ये दोनों ही धरोहरें आने वाले समय में पर्यटकों के लिए बड़ी पसंद बन सकेंगी।
इसके साथ ही महर्षि च्यवयन की तपोभूमि ढोसी का पहाड़ अपने आप में न केवल हिंदुस्तान के ऋषि-मुनियों की याद को समेटे हुए है,बल्कि आयुर्वेद और जड़ी बुटियों के लिहाज से भी अहम स्थान रखता है। इस पर्वत को भी विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार कई योजनाएं बना रही है।
पंचकर्म केंद्र के अलावा इस पहाड़ पर साहसिक खेल गतिविधियां शुरू करने की योजना भी है। हालांकि यह अलग बात है कि इतने समृद्ध ऐतिहासिक धरोहरों का खजाना रखते हुए भी नारनौल और महेंद्रगढ़ पर्यटन व्यवसाय में खुद को स्थापित नहीं कर पा रहे हैं।
विदेशी पर्यटकों से रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने इस मुद्दे पर बात करने से इंकार कर दिया। हालांकि उन्होंने हिंदुस्तान के भोजन और यहां के लोगों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यहां की मेहमान नवाजी का कोई मुकाबला नहीं है। यहां की एतिहासिक धरोहरों को लेकर उनको कोई जानकारी नहीं थी।
Edited By: MOHAMMAD AQIB KHAN
Mahendragarh नारनौल में पहुंच रहे यूरोपिये देशों के पर्यटकों से पर्यटन व्यवसाय चमका.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
Read More
No comments:
Post a Comment