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दतियाएक घंटा पहले
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शहर के सीतासागर के पास वर्षों से फलों का ठेला लगाकर अपने परिवार का गुजर बसर करने वाली अंगूरी अहिरवार को कोरोना के लॉकडाउन में व्यवसाय बंद हो गया था। जिससे परिवार के सामने भरण-पोषण का संकट आ खड़ा हुआ। ऐसे में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना (स्ट्रीट वेंडर) में मिली सहायता अंगूरी बाई के फल विक्रय के व्यवसाय को पुनः खड़ा करने में सहारा बनी।
अंगूरी बाई ने बताया कि कोरोना से पहले वह सीतासागर के किनारे चार पहिया के ठेले के माध्यम से फल एवं सब्जी बेचने का कार्य करती थी। लेकिन कोरोना के लॉकडाउन में उनका यह व्यवसाय बंद हो गया। उनके पास जो जमा पूंजी थी वह भी समाप्त हो चुकी थी। इस दौरान छोटे व्यवसाय करने वालों के लिए सरकार ने स्ट्रीट वेंडर योजना शुरू की इस योजना के तहत नगर पालिका द्वारा फल एवं सब्जी का व्यवसाय पुनः शुरू करने हेतु उन्हें 10 हजार रुपए की राशि प्रदाय की।
इस राशि से फल एवं सब्जी बेचने का व्यवसाय पुनः शुरू किया। इससे होने वाली आय से नियमित ऋण की किश्तें भी जमा की। किस्तें पूर्ण होने पर बैंक के से पुनः 20 हजार रुपए की राशि वर्ष 2021 में मिली। जिससे इनका सब्जी एवं फलों का व्यवसाय और तेजी से बढ़ने लगा। इस व्यवसाय से होने वाली आय से ऋण की किस्तें भी पूरी चुकता कर दी। इनके कार्य एवं व्यवहार एवं समय पर ऋण की राशि लौटाने पर बैंक ने पुनः 50 हजार रुपये की राशि 2022 में दी।
इस राशि से अब इनका व्यवसाय अच्छा फल-फूल रहा है। जिससे परिवार का भरण पोषण भी आसानी से हो रहा है। पिछले दिनों एक सफल हितग्राही के के रूप में शिवपुरी में आयोजित संभाग स्तरीय मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के कार्यक्रम में भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने मुसीबत के दिनों में पुनः व्यवसाय खड़ा करने के लिए शासन से मिली सहायता के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति भी हम आभारी है।
लॉकडाउन में बंद हो गया था व्यवसाय: मुसीबत के दिनों में अंगूरी के परिवार के लिए स्ट्रीट वेंडर योजना बनी सहारा - Dainik Bhaskar
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