![Yamuna Nagar News: दुग्ध व्यवसाय पर भारी ठंड, उत्पादन 20 प्रतिशत कम पशुओं को ठंड से बचाने के लिए जलाई आग। संवाद](http://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/01/07/750x506/pashao-ka-thada-sa-bcana-ka-le-jalii-aaga-savatha_1673034879.jpeg)
पशुओं को ठंड से बचाने के लिए जलाई आग। संवाद - फोटो : Yamuna Nagar
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संवाद न्यूज एजेंसी
जगाधरी। लगातार पड़ रही कड़ाके की ठंड से जहां जन जीवन अस्त व्यस्त है, वहीं इसका असर दुधारू पशुओं पर भी पड़ रहा है। ठंड के कारण दुग्ध उत्पादन कम हो गया है। इससे दुग्ध उत्पादकों की आय प्रभावित हो रही है। पांच दिन से धूप न निकलने के कारण मनुष्य के साथ सभी जीव जंतु परेशान हैं।
शुक्रवार को भी जिला धुंध की चादर ओढ़े रहा। सुबह इतनी धुंध थी कि दृश्यता बेहद कम रही। जिससे सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आए। वहीं इस दौरान शीतलहर भी जबरदस्त रही, जिसने लोगों को घरों में दुबकने को मजबूर कर दिया। शीतलहर चलने से ठंड का प्रकोप जारी रहा। सुबह करीब 11 बजे हवा तेज होने के चलते कोहरे से कुछ हद तक राहत मिली, लेकिन इससे सर्दी और ज्यादा बढ़ गई। ठंड से बचने के लिए लोगों ने अलाव का सहारा लिया।
ठंड के कारण पशु भी बीमार हो रहे हैं और इससे बचाने के लिए पालक पशुओं के कमरों में आग जलाने के साथ मवेशियों को कंबल इत्यादि ओढ़ा रहे हैं। शुक्रवार को भीषण ठंड का चारों तरफ असर देखने को मिला। तमाम बाजार व सार्वजनिक स्थल खाली दिखाई दिए। इस दौरान दोपहर करीब दो बजे अधिकतम 9.8 डिग्री तापमान रहा। जबकि न्यूनतम तापमान 4.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अभी करीब एक सप्ताह ठंड का कहर जारी रहेगा। कोहरे के साथ 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से शीतलहर चलेगी। जिले में शुक्रवार को दस किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। ठंड का असर पशु पक्षियों पर भी देखने को मिल रहा है। ठंड से गाय भैसों के दूध में आई है। पशु चिकित्सकों का कहना है कि ज्यादा गर्मी व ज्यादा ठंड से गाय-भैंसों के दूध में कमी आ जाती है।
डेयरी संचालक प्रमोद कुमार ने बताया कि उसकी भैंस प्रतिदिन 14 लीटर दूध देती थी, वहीं गाय सात से आठ लीटर दूध देती थी, लेकिन ठंड से इसमें कमी आई है। अब भैंस करीब 11 लीटर दूध दे रही है और गाय दिनभर में पांच लीटर दूध दे रही है।
पशु पालक विभाग के डॉ. सतबीर सिंह ने बताया कि ज्यादा ठंड का असर पशुओं के दूध पर पड़ता है। इस मौसम में पशुु पूरी फीड नहीं ले पाते और न ही पूरा पानी पीते हैं। जिससे उन्हें र्प्याप्त मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं और दूध की कमी हो जाती है। ऐसे में पशुओं को गर्म स्थान पर रखें और उन्हें ठंड में बाहर न बांधे। कमरा गर्म रखने के लिए आग इत्यादि जलाएं।
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थमी ट्रेनों की रफ्तार, कछुआ गति से चली गाड़ियां
कोहरे का असर रेल संचालन में व्यापक रूप से देखा जा रहा है। कोहरे के कारण लगभग सभी गाड़ियां देरी से चल रही हैं। वहीं कई गाड़ियां एक दो नहीं बल्कि कई घंटों की देरी से चलीं। आलम यह रहा है कि यात्री पूरी रात स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करते रहे और ट्रेन नहीं आई। रात की ट्रेन अगले दिन सुबह पहुंची। ऐसे में यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
वीरवार को भी कोहरे के कारण रेल यातायात प्रभावित रहा। इस दौरान रात करीब पौने 11 बजे आने वाली छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस 12 घंटे देरी से पहुंची। यह ट्रेन रात 10 बजकर 43 मिनट पर यमुनानगर जगाधरी स्टेशन पहुंचती है। परंतु वीरवार को यात्री इसका इंतजार करते रहे और ट्रेन नहीं आई। यह ट्रेन शुक्रवार सुबह 10 बजकर 23 मिनट पर पहुंची। इसके अलावा जम्मूतवी से गोवाहटी जाने वाली लोहित एक्सप्रेस पांच घंटे की देरी से पहुंची। वहीं जम्मूतवी से कोलकाता जाने वाली सियालदाह एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से एक घंटा देरी से चली। जबकि फिरोजपुर से धनबाद जाने वाली गंगा सतलुज एक्सप्रेस चार घंटे लेट रही।
रात्रि सवा 11 के बजाए यह ट्रेन देर रात करीब पौने तीन बजे पहुंची। कोहरे ने ट्रेनों की गति पर लगाम लगा दी है। घने कोहरे के कारण लोको पायलट को सिग्नल नहीं दिखाई दे रहे हैं, ऐसे में रेलवे पटाखों का प्रयोग कर रही है। पटवारियों पटाखे लगाकर चालकों को सिग्नल दिया जा रहा है। वहीं पुल इत्यादि से गाड़ियां पांच से दस किलोमीटर के काउशन पर निकाली जा रही है। अंबाला मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक हरि मोहन ने बताया कि कोहरे के कारण रेल यातायात प्रभावित है। ऐसे में दुर्घटनाओं की संभावना होती है, जिसके चलते काउशन पर गाड़ियां चलाई जाती है। रेलवे यात्रियों को बेहतर सुविधा देने का प्रयास कर रहा है।
जगाधरी। लगातार पड़ रही कड़ाके की ठंड से जहां जन जीवन अस्त व्यस्त है, वहीं इसका असर दुधारू पशुओं पर भी पड़ रहा है। ठंड के कारण दुग्ध उत्पादन कम हो गया है। इससे दुग्ध उत्पादकों की आय प्रभावित हो रही है। पांच दिन से धूप न निकलने के कारण मनुष्य के साथ सभी जीव जंतु परेशान हैं।
शुक्रवार को भी जिला धुंध की चादर ओढ़े रहा। सुबह इतनी धुंध थी कि दृश्यता बेहद कम रही। जिससे सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आए। वहीं इस दौरान शीतलहर भी जबरदस्त रही, जिसने लोगों को घरों में दुबकने को मजबूर कर दिया। शीतलहर चलने से ठंड का प्रकोप जारी रहा। सुबह करीब 11 बजे हवा तेज होने के चलते कोहरे से कुछ हद तक राहत मिली, लेकिन इससे सर्दी और ज्यादा बढ़ गई। ठंड से बचने के लिए लोगों ने अलाव का सहारा लिया।
ठंड के कारण पशु भी बीमार हो रहे हैं और इससे बचाने के लिए पालक पशुओं के कमरों में आग जलाने के साथ मवेशियों को कंबल इत्यादि ओढ़ा रहे हैं। शुक्रवार को भीषण ठंड का चारों तरफ असर देखने को मिला। तमाम बाजार व सार्वजनिक स्थल खाली दिखाई दिए। इस दौरान दोपहर करीब दो बजे अधिकतम 9.8 डिग्री तापमान रहा। जबकि न्यूनतम तापमान 4.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अभी करीब एक सप्ताह ठंड का कहर जारी रहेगा। कोहरे के साथ 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से शीतलहर चलेगी। जिले में शुक्रवार को दस किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। ठंड का असर पशु पक्षियों पर भी देखने को मिल रहा है। ठंड से गाय भैसों के दूध में आई है। पशु चिकित्सकों का कहना है कि ज्यादा गर्मी व ज्यादा ठंड से गाय-भैंसों के दूध में कमी आ जाती है।
डेयरी संचालक प्रमोद कुमार ने बताया कि उसकी भैंस प्रतिदिन 14 लीटर दूध देती थी, वहीं गाय सात से आठ लीटर दूध देती थी, लेकिन ठंड से इसमें कमी आई है। अब भैंस करीब 11 लीटर दूध दे रही है और गाय दिनभर में पांच लीटर दूध दे रही है।
पशु पालक विभाग के डॉ. सतबीर सिंह ने बताया कि ज्यादा ठंड का असर पशुओं के दूध पर पड़ता है। इस मौसम में पशुु पूरी फीड नहीं ले पाते और न ही पूरा पानी पीते हैं। जिससे उन्हें र्प्याप्त मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं और दूध की कमी हो जाती है। ऐसे में पशुओं को गर्म स्थान पर रखें और उन्हें ठंड में बाहर न बांधे। कमरा गर्म रखने के लिए आग इत्यादि जलाएं।
कोहरे का असर रेल संचालन में व्यापक रूप से देखा जा रहा है। कोहरे के कारण लगभग सभी गाड़ियां देरी से चल रही हैं। वहीं कई गाड़ियां एक दो नहीं बल्कि कई घंटों की देरी से चलीं। आलम यह रहा है कि यात्री पूरी रात स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करते रहे और ट्रेन नहीं आई। रात की ट्रेन अगले दिन सुबह पहुंची। ऐसे में यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
वीरवार को भी कोहरे के कारण रेल यातायात प्रभावित रहा। इस दौरान रात करीब पौने 11 बजे आने वाली छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस 12 घंटे देरी से पहुंची। यह ट्रेन रात 10 बजकर 43 मिनट पर यमुनानगर जगाधरी स्टेशन पहुंचती है। परंतु वीरवार को यात्री इसका इंतजार करते रहे और ट्रेन नहीं आई। यह ट्रेन शुक्रवार सुबह 10 बजकर 23 मिनट पर पहुंची। इसके अलावा जम्मूतवी से गोवाहटी जाने वाली लोहित एक्सप्रेस पांच घंटे की देरी से पहुंची। वहीं जम्मूतवी से कोलकाता जाने वाली सियालदाह एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से एक घंटा देरी से चली। जबकि फिरोजपुर से धनबाद जाने वाली गंगा सतलुज एक्सप्रेस चार घंटे लेट रही।
रात्रि सवा 11 के बजाए यह ट्रेन देर रात करीब पौने तीन बजे पहुंची। कोहरे ने ट्रेनों की गति पर लगाम लगा दी है। घने कोहरे के कारण लोको पायलट को सिग्नल नहीं दिखाई दे रहे हैं, ऐसे में रेलवे पटाखों का प्रयोग कर रही है। पटवारियों पटाखे लगाकर चालकों को सिग्नल दिया जा रहा है। वहीं पुल इत्यादि से गाड़ियां पांच से दस किलोमीटर के काउशन पर निकाली जा रही है। अंबाला मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक हरि मोहन ने बताया कि कोहरे के कारण रेल यातायात प्रभावित है। ऐसे में दुर्घटनाओं की संभावना होती है, जिसके चलते काउशन पर गाड़ियां चलाई जाती है। रेलवे यात्रियों को बेहतर सुविधा देने का प्रयास कर रहा है।
Yamuna Nagar News: दुग्ध व्यवसाय पर भारी ठंड, उत्पादन 20 प्रतिशत कम - अमर उजाला
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