सिरोही17 घंटे पहले
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नाबार्ड की ओर से केंद्रीय प्रवृत्तित योजना के तहत जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक का आयोजन कलेक्टर डॉ. भंवर लाल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। जिले के सभी पंचायत समितियों में बनाई गई पांच कृषक उत्पादक संगठन की समीक्षा की गई तथा कलेक्टर ने इनकी सदस्यता बढ़ाने के लिए निर्देश दिए।
ताकि यह भारत सरकार की ओर से दी जाने वाली मैचिंग एक्टिविटी ग्रांट जो कि अधिकतम 15 लाख रुपए तक दी जाती है, का पूरा लाभ उठाएं।
जिले के सभी कृषक उत्पादक संगठनों को प्रथम इक्विटी ग्रांट भारत सरकार से प्राप्त हो चुकी है, साथ ही सभी एफपीओ को कृषि के इनपुट व्यवसाय के साथ आउटपुट व्यवसाय को भी शुरू करने एवं अन्य व्यवसाय यथा कस्टम हायरिंग केंद्र, ड्रोन को शुरू करने के लिए निर्देशित किया गया, जिससे एफपीओ अधिक से अधिक अपने सदस्यों को कृषि संबंधित सेवाओं से लाभान्वित कर सके।
एफपीओ को व्यवसाय बढाने पर भी जोर दिया गया, जिससे आने वाले समय में ये सेल्फ सस्टेनेबल होकर आत्मनिर्भर हो सके। इस दिशा में जिले के 3 एफपीओ को राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक एवं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के माध्यम से ऋण से भी जोड़ा गया है।
सिरोही. बैठक में मौजूद कलेक्टर व अधिकारी। इस मौके डीडीएम नाबार्ड डॉ. दिनेश प्रजापत, संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार डॉ. संजय तनेजा, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. रामस्वरूप चैधरी, सहकारिता के नारायण सिंह चारण, लीड बैंक उम्मेदाराम मीणा, पशु पालन कृषि उपज मंडी समिति, राजीविका एवं जिले के सभी एफपीओ के अध्यक्ष एवं राजस्थान बाल कल्याण समिति मौजूद थे।
कृषक उत्पादक संगठन में सदस्यता को बढ़ाने व एफपीओ आउटपुट व्यवसाय शुरू करवाने पर जोर - Dainik Bhaskar
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