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PATNA : हाल में आमतौर पर देखा जा रहा है कि विभिन्न इलाकों में अवैध शराब के खिलाफ छापेमारियों में शराब कारोबारियों पर कार्रवाई के दौरान मद्य निषेद्य टीम को ग्रामीणों या परिवारों के भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे संवेदनशील मुहल्लों और टोलों में जहां लगातार छापेमारी की जाती है और लगातार हिंसक विरोध का सामना करना पड़ता है. इससे निपटने के लिए बिहार सरकार ने सतत जीविकोपार्जन योजना चलाई है.
इस योजना के तहत चिन्हित इलाकों के सूचीबद्ध लाभुकों को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए 60 हजार से एक लाख रुपये तक की राशि देने का प्रावधान किया गया है. इस संबंध में उत्पाद, मद्य निषेध और निबंधन विभाग के अवर सचिव ने मोहल्लों और टोलों को चिन्हित करने का निर्देश सभी अधीक्षक और सहायक आयुक्त को दे दिया है.
इस संबंध में विभाग के संयुक्त आयुक्त श्रीकृष्ण पासवान ने कहा कि ' जो लोग भी शराब के अवैध कारोबार से जुड़े हैं वे मूल रूप से निर्धन परिवार से आते हैं. अगर इन इलाकों में इस योजना को गंभीरता से लागू किया गया तो हिंसक विरोध स्वतः कम हो जाएगा. बेरोजगारी और गरीबी की वजह से ये लोग पारंपरिक शराब या ताड़ी के कारोबार से जुड़े थे. इस योजना का मूल उद्देश्य ऐसे लोगों को इससे जोड़ कर अपने व्यवसाय के लिए तैयार करना है.
जाहिर है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पूर्ण शराबबंदी का फैसला उन्हें समाज सुधारक की श्रेणी में खड़ा तो करता है, लेकिन व्यावहारिक दृष्टि से उनके इस निर्णय पर आम जनता की एक सी सहमती बनती नहीं दिखी. यही कारण रहा कि तमाम प्रशासनिक महकमा लगाने के बाद भी इसे पूरी तरह से आज तक नियंत्रित नहीं किया जा सका है. अब देखना है कि सरकार की यह योजना शराबबंदी को धरातल पर उतारने में कितना सफल रहती है या फिर इस योजना से जुड़ी राशि बंदरबांट की भेंट चढ़ जाती है.
एक लाख से ज्यादा है ऐसे परिवारों की संख्या
सतत जीविकोपार्जन के अंतर्गत चयनित परिवारों की संख्या एक लाख, 62 हजार 125 है. इसमें अनुसूचित जाति / जनजाति परिवारों की संख्या एक लाख, 13 हजार 508 है. अन्य वर्गों के परिवारों की संख्या 48, 617 है. ताड़ी और देसी शराब से जुड़े, योजना के अंतर्गत चयनित परिवारों की संख्या 43, 475 है (30.06.2023 तक). ताड़ी और देसी शराब से जुड़े,योजना के अंतर्गत लाभान्वित परिवारों की संख्या 39, 008 है (30.06.2023 तक). ताड़ी और देसी शराब से जुड़े, योजना के अंतर्गत लाभान्वित परिवारों के बीच वितरित राशि 115. 33 करोड़ रुपये ((30.06.2023 तक). स्वयं सहायता समूह से जुड़े परिवारों की संख्या एक लाख, 62 हजार 125 है
शराबबंदी उतरेगी धरातल पर, सरकार वैकल्पिक व्यवसाय के लिए देगी ... - News4Nation
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