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बागेश्वर विख्यात पिंडारी ग्लेशियर, प्रसिद्ध टेल दर्रे को लेकर विश्वभर में जाना जाता है। बागेश्वर पिंडारी ग्लेशियर, टेल दर्रा, बागनाथ धाम का प्रवेश द्वार है। हर साल इन स्थलों के दीदार को बड़ी सख्या में देशी, विदेशी सैलानी, ट्रैकर यहां पहुंचते हैं। पर अवैध कब्जों से जकड़ी सड़क सैलानियों की दिक्कत बढ़ाती है।
सिकुड़ी सड़कों पर वाहन पार्क करना तो दूर, ऐसा करने की सोच भी नहीं सकते। इन हालात में पर्यटन विकास के दावे कैसे परवान चढ़ेंगे, इस पर भी सवाल खड़े होते हैं।
नजदीक आ रही हाईकोर्ट की दी समयसीमा
बागेश्वर। राजमार्ग, अन्य सड़क मार्ग, वन भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट की दी गई समय सीमा नजदीक आ रही है। आदेश के क्रियान्वयन में तीन सप्ताह से भी कम समय रह गया है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बीते 26 जुलाई को राज्य के सभी डीएम और डीएफओ को चार सप्ताह में आदेश का परिरालन कर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए। आदेश पारित हुए एक सप्ताह से कुछ अधिक समय गुजर गया है। अब तक आदेश के क्रियान्वयन के लिए जिला प्रशासन और वन महकमे का कोेई एक्शन प्लान फिलहाल धरातल पर नहीं दिख रहा है। डीएम अनुराधा पाल और डीएफओ उमेश चंद्र तिवारी ने हाईकोर्ट के आदेश का पूरी तरह से परिपालन करने की बात कही है। प्रशासन नगर की नदियों, राजमार्ग को कैसे अतिक्रमण मुक्त कर हाईकोर्ट के आदेश का पालन करता है, यह देखने वाली बात होगी।
Bageshwar News: पर्यटन व्यवसाय को भी प्रभावित कर रहा अतिक्रमण - अमर उजाला
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