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आर्थिक संकट के कारण मत्स्य व्यवसाय पर असर न पड़े, इसे ध्यान में रखते हुए शासन ने केसीसी बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। मत्स्य विभाग को जिम्मेदारी दी गई है कि वह इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को केसीसी बनवाकर ऋण दिलवाएं।
खुद के तालाब में मछली पाल रहे कृषक, मछली बेचने वाले व्यवसायी, मछली पकडऩे वाले मछुआरा, शासकीय तालाबों के पट्टाधारक, मछली समिति के सदस्य, फुटपाथ पर मछली बेचने वाले विक्रेता आदि केसीसी बनवाकर तीन लाख रुपये तक का ऋण लेकर अपने व्यवसाय सुदृढ़ कर सकते हैं।
मत्स्य विभाग के सहायक निदेशक डॉ. विनोद वर्मा ने बताया कि आवेदक के पास अगर निजी भूमि पर तालाब है, तो उसे उस रकबे का खसरा-खतौनी देना होगा। अगर पट्टे का तालाब है तो तहसील प्रशासन की ओर से जारी पट्टे का प्रमाणपत्र लगाना होगा। इसके साथ ही निवास प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक की छायाप्रति व आवेदक का फोटो सहित अन्य प्रपत्र जमा करके केसीसी बनवाया जा सकता है।
Balrampur News: मत्स्य व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए बनाया जाएगा केसीसी - अमर उजाला
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