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उन्होंने एलडीएम को निर्देशित करते हुए कहा कि कामगारों को ज्यादा से ज्यादा लोन कम समय में दिया जाए, ताकि वे अपने काम को बढ़ाते हुए आय में वृद्धि कर सकें। उन्होंने जिला ग्रामोद्योग अधिकारी को निर्देशित किया कि कामगारों को अधिक से अधिक टूल किट का भी वितरण कराएं।
माटी कलाकारों, कुम्हारों से कहा कि सभी लोग पट्टे और लीज पर दुकान के आवंटन के संबंध में अपने तहसील के नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत में जाकर अधिशासी अधिकारी को पत्र दें। उन्होंने कुम्हार, प्रजापति समाज को अवगत कराते हुए कहा कि प्रदेश में मिट्टी का कार्य करने वाले कारीगरों एवं शिल्पियों के व्यवसाय में वृद्धि करने, कामगारों के परंपरागत कला को संरक्षित और संबर्धित करते हुए उनकी सामाजिक सुरक्षा, आर्थिक सुदृढ़ता तकनीकी विकास को बढ़ावा देने, विपणन आदि की सुविधा उपलब्ध कराने, परंपरागत उद्योगों को नवाचार के माध्यम से संरक्षित एवं संबर्द्धित करते हुए अधिकाधिक लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उप्र माटीकला बोर्ड का गठन किया गया है।
उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रानिक चाक के माध्यम से प्रतिदिन आठ घंटे में चार से पांच हजार तक कुल्हड़ तैयार होंगे। इसे बेचकर चार से पांच हजार की आमदनी होगी। उन्होंने कुम्हारों को व्यवसाय के नए ट्रेडिंग व पैकेजिंग पर जोर दिया। बताया कि शादी विवाह व अन्य समारोह में माॅल व बड़े स्तरों पर काफी चाय, लस्सी, आदि के लिए डिजाईनर कुल्हड़, ग्लास को पसंद किया जा रहा है। अब कुम्हारों को समय व आवश्यकता के अनुसार अपने परंपरागत व्यवसाय में नवाचार पहल करने की आवश्यकता है।
बैठक में एडीएम सहदेव मिश्र, एएसपी त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी, जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी किरन श्रीवास्तव, एसडीएम सदर निखिल कुमार यादव, राजेश सिंह, प्रभाकर सिंह आदि मौजूद रहे। संचालन साधना मिश्रा ने किया।
Sonebhadra News: पारंपरिक व्यवसाय में नवाचार अपनाएं माटी कला के कामगार - अमर उजाला
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