यदि कोई व्यक्तिगत निर्धारिती विलंबित आईटीआर दाखिल करता है तो आयकर अधिनियम 1961 की धारा 234 फ के तहत दंडात्मक विलंब शुल्क लगाया जाता है।
Publish Date: Sun, 24 Dec 2023 12:57 PM (IST)
Updated Date: Sun, 24 Dec 2023 12:57 PM (IST)
![Bilaspur News: आईटीआर दाखिल नहीं करने से आगे नहीं बढ़ेगा व्यवसाय](https://img.naidunia.com/naidunia/ndnimg/24122023/24_12_2023-ca_kapil_sachdev.jpg)
बिलासपुर। यदि कोई व्यक्ति वित्त वर्ष 2022-23 (एवाई 2023-24) के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की 31 जुलाई 2023 की समय सीमा से चूक गया है, तो आयकर कानून किसी को विलंबित आईटीआर दाखिल करने की अनुमति देते हैं। वित्त वर्ष 2022-23 (एवाई 2023-24) के लिए विलंबित आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2023 है।
हालांकि, ध्यान रखें कि विलंबित आईटीआर दाखिल करने के लिए जुर्माना देना होगा। यदि कोई व्यक्तिगत निर्धारिती विलंबित आईटीआर दाखिल करता है तो आयकर अधिनियम 1961 की धारा 234 फ के तहत दंडात्मक विलंब शुल्क लगाया जाता है। यदि किसी व्यक्तिगत निर्धारित कुल आय पांच लाख रुपये से अधिक है तो पांच हजार रुपये का दंडात्मक विलंब शुल्क लागू होगा।
यदि कुल कर योग्य आय पांच लाख रुपये से अधिक नहीं है तो दंडात्मक विलंब शुल्क एक हजार रुपये होगा। आईटीआर दाखिल नहीं करने से कई प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इससे व्यवसाय को आगे बढ़ाने में दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा शासन की ओर से कड़ी कार्रवाई भी होगी। इसलिए समय रहते तक सभी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। दाखिल करते समय सभी प्रकार के दस्तावेज जमा करना अनिवार्य है। अपने संबंधित सीए से पहले सलाह ले। इससे आयकर जमा करने आसान होगा।
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