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Bakri Palan: भारत कृषि प्रधान देश है, कृषि के साथ-साथ पशुपालन भी यहां बढ़े लंबे समय से किया जा रहा है। अधिकतर लोग यहां भैंस व गाय पालना पसंद करते है, लेकिन इसमें अधिक खर्चा होने के कारण गरीब लोग इन्हें नही रखते है लेकिन आपको बता दे की, कम लागत में भी बकरी पालन का व्यवसाय शुरू कर सकते है और इसमें प्रॉफिट भी अच्छा मिलेगा। इसमें बकरी के चारा की व्यवस्था आसानी से हो जाती है। बकरीपालन व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकार इस पर लोन भी दे रही है और साथ ही सरकार द्वारा इस पर सब्सिडी भी दे रही है। अगर आप भी बकरीपालन व्यवसाय शुरू करने की सोच रहे है तो यहाँ जाने बकरीपालन से जुड़ी संपूर्ण जानकारी…
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बकरी पालन व्यवसाय से होगी मोटी आमदनी
जानकारी के मुताबिक बता दे की, भारत में बकरी के दूध के साथ ही बकरे के मांस की बाजार में काफी मांग रहती है। मांस खाने के शौकीन लोगों के लिए बकरे का मांस उनका पसंदीदा मांस में एक है। इसकी मांग देश भर में हमेशा बनी रहती है। साथ ही साथ ईद जैसे त्योहारों पर बकरे को अधिक मांग बनी रहती है। बकरी पालन व्यवसाय में आमदनी अच्छी होने से बहुत से किसान इससे जुड़ रहे हैं। इससे पशुपालकों को मोटा मुनाफा होता रहा है।
बकरी पालन के लिए उन्नत नस्लें
बकरी पालन के लिए सबसे प्रमुख बात यह है कि बकरियां अच्छी नस्ल की होना जरूरी है, इससे मुनाफा बढ़ जाएगा। अगर कोई व्यवसायिक रूप में बकरी पालन शुरू करना चाहता है तो बरबरी बकरी सबसे अच्छी नस्ल है। इसके साथ ही जमुनापारी नस्ल 22 से 23 महीने में, सिरोही 18 महीने में गाभिन होती है वहीं बरबरी 11 महीने में बच्चे देने के लिए तैयार हो जाती है। यह साल में दो बार दो से तीन बच्चे दे सकती है। इसके अलावा भी 3 अन्य बकरियों गूजरी बकरी, सोजत बकरी, करौली बकरी का भी चयन कर सकते है।
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खर्चा और आमदनी
लागत की बात करे तो, एक साल में एक बरबरी बकरी तैयार करने में तीन हजार रुपए का खर्चा की लागत आती है और बाजार में इसकी कीमत करीब दस हजार रुपए तक है। अब बात करें इस नस्ल की बकरियों से मिलने वाले दूध की तो यह बकरियां प्रतिदिन एक किलो दूध देती हैं और गर्मी, बरसात, सर्दी सभी तरह के वातावरण में आसानी से रह सकती है। बकरीपालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें बकरी की रखरखाव, देखभाल कम करनी पड़ती है और मुनाफा भी अच्छा होता है, क्योंकि इसमें गाय-भैंस की तुलना में किसानों को काफी अधिक लाभ प्राप्त होता है।
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