ब्यूरो रिपोर्ट
बैतूल-कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने पतंगबाजी में चाईनीज मांझे के उपयोग को पूर्णत: प्रतिबंधित किया है। अब जिले में किसी भी दुकानों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों एवं अन्य स्थानों से चाईनीज मांझे का क्रय-विक्रय, उपयोग तथा भण्डारण पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। इसके अलावा कोई भी व्यक्ति पतंगबाजी में न तो नायलॉन डोर/चायना डोर का निर्माण करेगा न ही क्रय-विक्रय करेगा।
इस संबंध में कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने बुधवार को आदेश जारी करते हुए कहा कि वर्तमान में पतंगबाजी का दौर प्रचलन में होने से बाजार में चाइनीज मांझा का उपयोग किया जा रहा है। चाईना डोर का मटेरियल खतरनाक होने के साथ-साथ अत्यधिक तेज भी होती है। इस मांझे के उपयोग से छोटे-छोटे बच्चों सहित आम नागरिक, राहगीरों, पशु-पक्षियों के कटने तथा चोट पहुंचाने की घटनाएं आए दिन सामने आती है। उक्त घटनाओं को रोकने हेतु दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए चाईनीज मांझे की बिक्री एवं उपयोग पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया गया है।
जन सामान्य एवं पक्षियों को हानि
पतंगबाजी में उपयोग होने वाले चाईनीज मांझे से जनसामान्य एवं पक्षियों को हानि पहुंचती है। चाईनीज मांझे से पतंग उड़ाते समय पक्षी इसमें फंसकर घायल हो जाते है। कई बार पक्षियों की मृत्यु तक हो जाती है। इस धागे से पतंगबाजी के दौरान रोड पर चलने वाले राहगीर भी घायल हो जाते है। चाइनीज धागे का उपयोग पतंगबाजी में किये जाने से पशु-पक्षियों व जन सामान्य के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
चाइनीस मांझे से विद्युत उपकरण होते है फेलियर
विद्युत विभाग की उच्च दाब लाईनों एवं उपकेन्द्रों पर स्थापित अति महत्वपूर्ण उपकरणों में चाईनीज मांझे के कारण समय-समय पर विद्युत व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न होता है, जिससे उपकरण फेलियर भी होता है। चायनीज धागे (मांझे) का पतंगबाजी में उपयोग की गतिविधियों पर रोकथाम की दृष्टि से इसके उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है।
पतंगबाजी में चाईनीज मांझे का उपयोग एवं व्यवसाय प्रतिबंधित : कलेक्टर श्री सूर्यवंशी - scn news india
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