गिरिडीह : एक कहावत है कि जब आर्थिक उपार्जन का एक रास्ता बंद हो जाए तो भगवान जीविकोपार्जन के लिए दूसरा रास्ता खोल देते हैं। कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के बाद गुजरात की एक कंपनी में महाप्रबंधक का दायित्व संभालनेवाले एक शख्स की जब नौकरी चली गई तो वह शुरूआती दौर में थोड़ा हताश तो हुआ, लेकिन हिम्मत कभी नहीं हारी। बस इसे वक्त का तकाजा कहें या समय रहते संभलने की सीख जो लॉकडाउन में नौकरी जाने से बेकार हो गया, वह अपनी काबिलियत व अनुभव के बल पर खुद को गारमेंट्स व्यवसाय के क्षेत्र में स्थापित किया। फिलहाल दो बेरोजगारों को अपने यहां रोजगार देकर आत्मनिर्भर बना रहा है। वह शख्स है शहर के बरमसिया का रहनेवाला अशोक कुमार जो मकतपुर चौक पर हैप्पी गारमेंट्स का संचालन कर रहा है। उसने कंपनी से सीधे जुड़कर थोक व खुदरा व्यवसाय को आगे बढ़ाया है। अशोक वैसे तो मूलत: जमुआ के चचघरा के रहनेवाले हैं लेकिन वे शुरू से गिरिडीह शहर में ही रह रहे हैं। शहर के सरस्वती विद्या मंदिर से मैट्रिक व गिरिडीह कॉलेज से इंटरमीडिएट करने के बाद वर्ष 2002 में भागलपुर स्थित सरकारी पॉलिटेक्निक से डिप्लोमा इन टेक्सटाइल्स की योग्यता उन्होंने हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने वर्ष 2002 में ही महाराष्ट्र के नागपुर स्थित मोरारजी मिल्स लिमिटेड में ट्रेनी अधिकारी के रूप में योगदान दिया। इसके बाद जलगांव स्थित रेमंड्स लिमिटेड में एक्जीक्यूटिव के रूप में काम किया। वहां से सफर को आगे बढ़ाते हुए उत्तर-प्रदेश के गाजियाबाद स्थित शाही ग्रुप में इंजीनियर का दायित्व निभाया। फिर पंजाब के फदवारा स्थित जेसीसी मिल्स लिमिटेड में डिप्टी मैनेजर के रूप में तीन साल तक काम करने के बाद मध्यप्रदेश के गुदनी स्थित ट्राईडेंट ग्रुप में महाप्रबंधक का दायित्व निभा रहे थे। इसी बीच कोरोना संक्रमण का काल शुरू हुआ और कंपनी में जीएम जैसे दायित्व को निभानेवाले अशोक को लॉकडाउन लगते ही नौकरी से हाथ धोना पड़ा। अशोक बताते हैं कि जिदगी में उतार-चढ़ाव लगा रहता है, लेकिन कभी हिम्मत नहीं हारना चाहिए। नौकरी जाने के बाद थोड़ा असहज जैसा महसूस तो हुआ, लेकिन अपने आपको संभालते हुए मैं अपने शहर गिरिडीह आया। यहां गारमेंट्स के क्षेत्र में काम करने के अनुभव का लाभ लेते हुए मकतपुर चौक पर गारमेंट्स के व्यवसाय को प्रारंभ किया। इस व्यवसाय में अपने को स्थापित करते हुए फिलहाल दो बेरोजगारों को अपने प्रतिष्ठान में रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाया है। वहीं भविष्य में शहर से थोड़ा दूर हटकर गारमेंट्स मैन्युफैक्चरिग का प्लांट स्थापित करने को लेकर प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। इसे प्रारंभ कर अनेकों युवाओं को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाने का सपना लेकर उन्होंने कदम आगे बढ़ाया है।
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप
लॉकडाउन में चली गई जीएम की नौकरी, व्यवसाय शुरू कर रोजगार से जोड़ा - दैनिक जागरण
Read More
No comments:
Post a Comment