बक्सर। सप्ताहांत बंदी का शनिवार को पहला दिन था। फल-सब्जी, दवाइयां और किराना की दुकानों को बंदी से छूट मिली थी, लेकिन कुछ अन्य दुकानदारों ने भी गाइडलाइन की अवहेलना की। डुमरांव में पहले दिन व्यवसायियों ने जमकर मनमानी की।
डुमरांव की गोलामंडी में बंदी के चलते आगे से दुकानें बंद रहीं, लेकिन पिछले दरवाजे से खूब दुकानदारी हुई। इस कारण प्रशासन का आदेश मखौल बनकर रह गया। हालांकि, अधिकतर दुकानें बंद रहने के चलते सड़क पर अन्य दिनों की अपेक्षा भीड़ भी कम थी। लगन के चलते जरूरतमंद लोग बाजार आए थे। ऐसे लोगों के जरूरतों को पूरा करने के लिए दुकानदार दुकान का शटर बंद कर बाहर टहल रहे थे। जरूरी सामानों का लिस्ट व्हाट्सएप के सहारे दुकान के अंदर बैठे स्टाफ तक पहुंच रहा था। बंद शटर के अंदर ही लिस्ट की पैकिग कर बाहर ओके का मैसेज आता था। और पिछले दरवाजे से खिड़की खोल कर सामान मुहैया कराया जा रहा था। यह स्थिति डुमरांव के अलावे नया तथा पुराना भोजपुर में कपड़ा दुकान बर्तन दुकान जनरल स्टोर के अलावे सोने चांदी, मिठाई और अन्य जरूरी सामानों के खरीद के लिए लागू था। इससे व्यवसाय भी चल रहा था और भीड़ भी नहीं लग रही थी। हालांकि, मिनी लॉकडाउन का असर बड़ी दुकानों पर जरूर पड़ा। बड़े-बड़े दुकान तथा मॉल पूरी तरह बंद रहे। जिस कारण ग्राहकों को मनपसंद खरीद का अवसर नहीं मिल पाया। वैसे लोग काफी परेशान थे, जिनके घरों में आज या कल शादी निर्धारित है। बाजार में नहीं दिखी प्रशासन की सक्रियता
मिनी लॉकडाउन के अनुपालन में प्रशासन की सक्रियता कमजोर नजर आई। पुलिस प्रशासन के लोग नियमित गश्ती में नजर जरूर आए, लेकिन दुकानों के बंद कराने या फिर पिछले दरवाजे से चल रही गतिविधियों को रोकने में उनकी तत्परता भी शून्य रही। नया भोजपुर, पुराना भोजपुर के अलावे कोरानसराय में लॉकडाउन के निर्देश के बावजूद अधिकतर दुकानें खुली रही। हालांकि प्रशासन के लोग रोज की तरह शाम 6:00 बजे दुकानों को बंद कराने के लिए जरूर नजर आए।
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बंदी के पहले दिन पिछले दरवाजे से हुआ जमकर व्यवसाय - दैनिक जागरण
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