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Saturday, April 24, 2021

होटल-रेस्टोरेंट व्यवसाय में भारी घाटा रोजी का संकट - अमर उजाला

मीटिंग करते होटल व रेस्टोरेंट के मालिक। - फोटो : CITY OFFICE

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कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर में होटल व रेस्टोरेंट व्यवसाय तबाह होने के कगार पर है। पिछले लॉकडाउन के दौरान भारी घाटे की मार से अभी होटल व्यवसायी उबर भी नहीं पाए हैं।
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ये बातें होटल व रेस्टोरेंट व्यवसायियों ने बैठक में कहीं। उन्होंने कहा कि व्यवसायों के संचालन के लिए गए कर्ज पर निरंतर ब्याज बढ़ रहा है। भारी घाटे की मार झेल रहे होटल-रेस्टोरेंट संचालक उसका भी भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। एक ओर जहां देश के पीएम व उप्र के सीएम मजदूरों के पलायन को रोकने व उनको जहां हैं। वहीं नियमित रोजगार दिए जाने की बात कह रहे हैं, जबकि शुक्त्रस्वार रात 8 बजे से सोमवार सुबह 7 बजे तक तीन रात का कोरोना कर्फ्यू जारी होने व अन्य दिनों में रात 8 बजे तक रेस्टोरेंट बंद होने के आदेश से हजारों कामगारों के परिवारों के आगे रोजगार व खाने का संकट आ गया है, क्योंकि रात 8 बजे बंद रहने की वजह से होटल व रेस्टोरेंट से जुड़े हजारों लोगों को न तो भोजन ही मिल पा रहा है और न रोजगार। सरकार व प्रशासन को चाहिए कि एमएसएमई व आवश्यक सेवाओं की तरह इस उद्योग को विशेष रियायत दी जाए, ताकि इनके चालू रहने पर हजारों लोगों के आगे रोजी-रोटी का संकट न खड़ा हो जाए।
अलीगढ़ होटल व रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष मानव महाजन व महामंत्री विवेक बगाई ने कहा कि हम सभी कोविड-19 संक्त्रस्मण नियंत्रण गाइड लाइन का पालन कर रहे हैं। किसी भी दुकान की तुलना में होटल व रेस्टोरेंट्स में बहुतायत में कर्मचारी कार्य करते हैं, जो किसी लघु उद्योग व कारखाने के समकक्ष होते हैं। अलीगढ़ में भी इस इंड्रस्ट्री में करीब दस हजार लोग रोजगार पाते हैं। इसलिए होटल व रेस्टोरेंट उद्योग को आवश्यक सेवाओं में शामिल कर शासन व प्रशासन रात 10 बजे तक संचालन की छूट दे, क्योंकि रात 8 बजे बाजार बंदी के बाद ही कोई भी दुकानदार इन जगहों पर पहुंच पाएगा। साथ ही रात 10 बजे तक ही रेस्टोरेंट से खाने की डिलीवरी की सुविधा भी जारी रखी जाए, क्योंकि कोरोना की वजह से अधिकांश परिवारों में भोजन बनाने वाला भी कोई उपलब्ध नहीं है। उधर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिल गुप्ता व संयुक्त सचिव सरदार मनमीत सिंह ने सीएम व ऊर्जा मंत्री से मांग की है कि तबाही के कगार पर खड़ी होटल इंडस्ट्री में अप्रैल से अन्य सभी करों को छोड़ कर जितनी बिजली का उपभोग हो उतना ही बिजली का बिल जारी किया जाए। अन्यथा की स्थित में विद्युत कनेक्शन कटवाने को मजबूर होना पड़ेगा। इस मौके पर कोआर्डिनेटर दीपक गर्ग, कोषाध्यक्ष प्रमीत गुप्ता, निखिल गुप्ता, रोहिन कपूर आदि मौजूद रहे।

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