संवाद सूत्र, प्रतापगढ़ : गांव की गरीब महिलाएं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही हैं। हर माह अच्छी खासी आय होने के साथ ही अब वह दूसरों को भी रोजगार से जोड़ रही हैं। शासन से महिलाओं को मिलने वाले रिवाल्विग फंड व सामुदायिक निवेश निधि से वह आंवले का उत्पाद, बकरी पालन, मुर्गी पालन, मछली पालन सहित अन्य व्यवसाय कर रही हैं। खास बात यह है कि समूह के खाते में भेजे गए करोड़ों रुपये को वह वापस कर चुकी हैं। व्यवसाय से महिलाओं की हर माह आठ से 10 हजार रुपये की आय हो रही है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी 5627 स्वयं सहायता समूह की महिलाएं विकास की गाथा लिख रही हैं। एक ओर जहां उनको साल भर में यानि 2020-21 में रिवाल्विग फंड व सामुदायिक निवेश निधि के तहत 20 करोड़ से अधिक मिले थे, वहीं महिलाएं साल भर 18 करोड़ रुपये का व्यवसाय किया है। इसे वापस भी कर दिया है। अब वह हर माह आठ से 10 हजार रुपये की आय कर रही है। समूह की महिलाएं समूह को मिले रिवाल्विग फंड व सामुदायिक निवेश निधि से बेबी ट्राई साइकिल, नर्सरी, सोलर लाइट, जैविक खेती सहित अन्य तरह के कामकाज कर रही हैं। विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो विभाग की ओर से एक साल में उनको करीब 20 करोड़ व्यवसाय करने के लिए मिले थे। महिलाओं ने कड़ी मेहनत व लगन से व्यवसाय शुरू कर उस पैसे को वापस कर दिया। एनआरएलएम के जिला मिशन प्रबंधक अख्तर मसूद ने बताया कि समूह के खाते में जो पैसा भेजा गया था, उससे महिलाओं ने कई तरह के कारोबार शुरू की। साल भर में ही करोड़ों रुपये वापस भी कर दिया। अब उनकी हर माह आठ से 10 हजार मासिक आमदनी हो रही है। --- दोनों फंड से मिलते हैं सवा लाख
प्रत्येक समूह को शासन की ओर से रिवाल्विग फंड के तहत 15 हजार व सामुदायिक निवेश निधि के तहत एक लाख 10 हजार रुपये मिलते हैं। इस पैसे से महिलाएं कोई भी कारोबार शुरू कर सकती हैं। जिले के बाबा बेलखरनाथ धाम, मानधाता सहित अन्य ब्लाकों की महिलाएं एक से बढ़कर काम कर रही हैं।
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप
मेहनत व लगन के बल पर चमकीं समूह की महिलाएं - दैनिक जागरण
Read More
No comments:
Post a Comment