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कोरोना की दूसरी लहर ने रानीखेत के पर्यटन व्यवसाय को एक बार फिर पटरी से उतार दिया है। अप्रैल में पर्यटकों की बुकिंग कैंसिल हो रही हैं। कोविड गाइडलाइन में प्रतिदिन हो रहे बदलाव के चलते लोग शादी विवाह की बुकिंग भी कैंसिल करने लगे हैं। जबकि रानीखेत में अप्रैल, मई और जून में ही साल भर के कुल व्यवसाय का 60 प्रतिशत व्यवसाय होता है लेकिन कोरोना के चलते इस बार भी ग्रीष्मकालीन पर्यटन सीजन कोरोना की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है।
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रानीखेत, मजखाली सहित आसपास के इलाकों में 12 से 13 दर्जन होटल, रिजॉर्ट आदि हैं। एक साल पूर्व लॉकडाउन के चलते ग्रीष्मकालीन पर्यटन सीजन पूरी तरह से ठप रहा। होटल संचालकों के अलावा इस व्यवसाय से जुड़े सैकड़ों कर्मचारियों और छोटे व्यापारियों के सामने गुजर बसर का संकट आ गया था। इस बार शीतकालीन पर्यटन सीजन अच्छा रहा। होटल कारोबारी किसी तरह से कोरोना के कारण हुए नुकसान की भरपाई कर ही रहे थे कि अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर आ गई इससे व्यवसाय और भी प्रभावित हो गया है।
कई लोगों ने लोन लेकर भी इस क्षेत्र में हाथ आजमाने के प्रयास किए थे। प्रमुख पर्यटन स्थलों में सुनसानी छाई है। प्रख्यात गोल्फ ग्राउंड, चौबटिया का विश्वविख्यात सेब गार्डन, धार्मिक स्थली हैड़ाखान आश्रम जैसे प्रसिद्ध मंदिरों में भी रौनक नहीं है। रानीखेत में साल भर होटल व्यवसाय में ही आठ से 10 करोड़ रुपये का व्यवसाय होता है। अप्रैल, मई और जून के सीजन में 60 फीसदी व्यवसाय होता था लेकिन कोरोना संक्रमण की लहर के बीच पर्यटन व्यवसाय को सर्वाधिक नुकसान हो रहा है।
-रानीखेत को मनोरंजन स्थल बनाने की मांग की जाती रही है लेकिन नीति नियंताओं ने पहले से ही ध्यान नहीं दिया जिस कारण पर्यटन व्यवसाय पहले से ही गिर रहा था। अब कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने रही सही कसर पूरी कर दी है। मार्च तक ठीक चल रहा था लेकिन अप्रैल महीने में पर्यटकों ने बुकिंगें कैंसिल कर दी हैं। शादी विवाह की बुकिंगें भी कैंसिल हो रही हैं। व्यवसाय से जुड़े सभी लोग इससे परेशान हैं। - जगदीश अग्रवाल, उपाध्यक्ष, होटल एसोसिएशन रानीखेत।
रानीखेत, मजखाली सहित आसपास के इलाकों में 12 से 13 दर्जन होटल, रिजॉर्ट आदि हैं। एक साल पूर्व लॉकडाउन के चलते ग्रीष्मकालीन पर्यटन सीजन पूरी तरह से ठप रहा। होटल संचालकों के अलावा इस व्यवसाय से जुड़े सैकड़ों कर्मचारियों और छोटे व्यापारियों के सामने गुजर बसर का संकट आ गया था। इस बार शीतकालीन पर्यटन सीजन अच्छा रहा। होटल कारोबारी किसी तरह से कोरोना के कारण हुए नुकसान की भरपाई कर ही रहे थे कि अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर आ गई इससे व्यवसाय और भी प्रभावित हो गया है।
कई लोगों ने लोन लेकर भी इस क्षेत्र में हाथ आजमाने के प्रयास किए थे। प्रमुख पर्यटन स्थलों में सुनसानी छाई है। प्रख्यात गोल्फ ग्राउंड, चौबटिया का विश्वविख्यात सेब गार्डन, धार्मिक स्थली हैड़ाखान आश्रम जैसे प्रसिद्ध मंदिरों में भी रौनक नहीं है। रानीखेत में साल भर होटल व्यवसाय में ही आठ से 10 करोड़ रुपये का व्यवसाय होता है। अप्रैल, मई और जून के सीजन में 60 फीसदी व्यवसाय होता था लेकिन कोरोना संक्रमण की लहर के बीच पर्यटन व्यवसाय को सर्वाधिक नुकसान हो रहा है।
-रानीखेत को मनोरंजन स्थल बनाने की मांग की जाती रही है लेकिन नीति नियंताओं ने पहले से ही ध्यान नहीं दिया जिस कारण पर्यटन व्यवसाय पहले से ही गिर रहा था। अब कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने रही सही कसर पूरी कर दी है। मार्च तक ठीक चल रहा था लेकिन अप्रैल महीने में पर्यटकों ने बुकिंगें कैंसिल कर दी हैं। शादी विवाह की बुकिंगें भी कैंसिल हो रही हैं। व्यवसाय से जुड़े सभी लोग इससे परेशान हैं। - जगदीश अग्रवाल, उपाध्यक्ष, होटल एसोसिएशन रानीखेत।
रानीखेत में फिर बेपटरी हुआ पर्यटन व्यवसाय - अमर उजाला
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