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बेतिया । यूं तो कोरोना ने हर व्यापारी को नुकसान पहुंचाया है, लेकिन गर्मी के मौसम का व्यवसाय आइसक्रीम, कुल्फी व कोल्डड्रिक का व्यवसाय पूरी तरह चौपट हो गया है। कोरोना के कारण लोग आइसक्रीम व कोल्डड्रिक लने से परहेज कर रहे हैं। मार्च से शुरू होकर अगस्त तक चलने वाले इस व्यवसाय से जुड़े व्यवसायियों को जबरदस्त झटका लगा है। ऐसे में इस व्यवसाय से जुड़े व्यवसायियों की कमर टूट गई है। यह लगातार दूसरा साल है जब कोल्डड्रिक तथा आइसक्रीम जैसे पदार्थ नहीं बिक रहे है। मार्च से ही कोरोना के मामले अधिक होने के बाद से यह व्यवसाय पूर्णत: ठप हो गया है। जिले भर में सैकड़ो परिवारों के सामने रोजगार का संकट आ गया है। इस रोजगार से जूड़े कई लोग घर चलाने के लिए कई फल, सब्जी बेचना शुरू कर दिया है
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छह माह में होता था अच्छा कारोबार
दुकानदारों के मुताबिक जिले में कोल्डड्रिक तथा आइसक्रीम के व्यवसाय में गर्मी के दिनों में अच्छा कारोबार होता है। मार्च से शादी विवाह का मौसम शुरू होने के बाद उन कार्यक्रमों में भी आइसक्रीम तथा कोल्डड्रिक की डिमांड होती है। लेकिन इस बार कोई नहीं ले रहा। गांव की गलियों में भी दोपहर में आवाज आने के बाद बच्चे आइसक्रीम लेने के लिए निकल पड़ते थे। मटका कुल्फी, बर्फ की कुल्फी के व्यवसाय पर कोरोना के कारण ब्रेक लगा हुआ है। ऐसे में इस कारोबार से जुड़े लोगों को काफी नुकसान हुआ है।
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घर चलाने के लिए कर रहे है दूसरे काम
शहहर व कस्बों में आइसक्रीम की दर्जनों फैक्ट्रियां हैं। लॉकडाउन ने जिले की आइसक्रीम उद्योग की कमर तोड़कर रख दी है। आइसक्रीम शॉप और एजेंसी के मालिकों का भी अच्छा-खासा नुकसान हुआ है। आइसक्रीम के थोक व्यवसायी मुकेश कुमार बताते हैं कि इन फैक्टरियों में औसतन 10 मजदूर काम करते हैं। अब अधिकतर मजदूर बेरोजगार हो गए है। आइसक्रीम बेचने वाले ठेले करीब पांच सौ की संख्या में हैं। उनके सामने भी भूखे मरने की नौबत है। ठेले से आइसक्रीम बेचनेवाले अभी अपना धंधा बदल फल व सब्जी बेच किसी तरह घर का चूल्हा जला रहे हैं। शहर में आइसक्रीम की दर्जनों शॉप है। उनको भी काफी नुकसान हुआ है। शहर और गांव में घूम-घूम कर आइसक्रीम बेचने वाले लोगों के लिए कोरोना वायरस की महामारी काफी बुरा दौर लेकर आई। आइसक्रीम रिक्शावालों के सामने भुखमरी की नौबत है। आइसक्रीम विक्रेता विनोद कुमार, सुनील महतो, सुधीर पटेल, बताते हैं कि घर चलाने के लिए कई लोगों ने फल सब्जी बेचना शुरू कर दिया है। कुछ लोग दूसरों की मदद और सरकारी राशन के सहारे घर चला रहे हैं।
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कोरोना से कोल्ड ड्रिक और आइसक्रीम का व्यवसाय प्रभावित - दैनिक जागरण
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