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नीलकांत भारद्वाज – हमीरपुर
आपदा जब भी आती है तो हर व्यवसाय के प्रभावित करती है। व्यवसाय जब प्रभावित होता है, तो मालिक से लेकर उससे जुड़ा पंक्ति में खड़ा आखिरी व्यक्ति तक प्रभावित होता है। वैश्विक महामारी कोरोना ने कुछ ऐसा ही प्रभावित किया है टेंट उद्योग को। आपदा के इस डेढ़ साल में इस इंडस्ट्री से जुड़े करीब अढ़ाई लाख लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इनमें टेंट वालों से लेकर, कैटरिंग वाले, बैंड वाले, लावर वाले और इन सब के अधीन काम करने वाले लोगों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बता दें कि प्रदेशभर में 15 से 18 हजार के बीच वो ही लोग हैं जो शादी समारोह सहित अन्य कार्यक्रमों में टैंट लगाने का काम करत हैं। जबकि इनके साथ क्षमता के अनुसार कहीं पांच तो कहीं 10 से 20 तक लोग काम करते हैं। यही नहीं इनके साथ सीधे तौर पर कैटरिंग, बैंड, फूलों सहित अन्य जरूरी व्यवसाय के लोग जुुड़े होते हैं। पूरे साल में तीन से चार महीने ही शादियों का सीजन होता है जिसमें ये पैसा कमाते हैं और सालभर अपना काम चलाते हैं।
इन सब की समस्याओं और वेलफेयर के लिए हिमाचल प्रदेश टेंट डीलर्स वेल्फेयर ऑर्गेनाइजेशन का गठन किया गया है। हालांकि एचपीटीडीडब्ल्यूओ अपनी समस्याओं को लेकर वित्त आयोग के उपाध्यक्ष सतपाल सत्ती और पंचायती राजमंत्री वीरेंद्र कंवर को भी मांगपत्र सौंप चुकी है। इसके अलावा ऑर्गेनाइजेशन पालमपुर और मंडी दौरे के दौरान सीएम को भी मांगपत्र सौंप चुकी है लेकिन कोई हल नहीं हुआ। संघ की मानें तो उन्हें 18 फीसदी जीएसटी देना पड़ता है। उन्होंने लोन इंटेरेस्ट में छूट की मांग की थी, लेकिन वह पूरी नहीं हो सकी। (एचडीएम)
कोरोना ने टेंट उद्योग का बजा दिया बैंड, प्रभावित हुए व्यवसाय से जुड़े अढ़ाई लाख लोग, सरकार से राहत को गुहार - Divya Himachal
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