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Saturday, June 12, 2021

मछुआरों व्यवसाय चौपट, तीन हजार रुपये देगी सरकार - Hindustan हिंदी

अम्बेडकरनगर। कोरोना महामारी के समय आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे मछुआरों को भी सरकार मदद देगी। इसके लिए उन्हें पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। साल भर के अंदर सरकार मछली पालन या बिक्री से जुड़े कारोबार करने वाले मछुआरों को तीन हजार रुपये देगी। हालांकि यह धनराशि पाने के लिए मछुआरों को पहले खाते में 1500 रुपये जमा करना होगा।

प्रभारी मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य उमेश सिंह ने बताया कि करोना संक्रमण के दौरान जिन मछुआरों का व्यवसाय चौपट हुआ है। उनको सरकार की तरफ से तीन हजार रुपए साल भर के अंदर दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। 15 सौ रुपए लाभार्थी को पहले अपने खाते में जमा करना होगा। बाद में सरकार दो किस्तों में 15-15 सौ रुपए खाते में भेजेगी। उन्होंने बताया कि एक बार रजिस्ट्रेशन करने के बाद विभाग की तरफ से उसका सत्यापन किया जाएगा कि लाभार्थी वास्तव में मत्स्य संबंधित कार्य में जुटा था या नहीं। एक बार इसकी पुष्टि हो जाने के बाद ही धनराशि उसके खाते में भेजने के लिए अनुमति प्रदान कर दी जाएगी। मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि इस सम्बंध अभी उच्चाधिकारियों के स्तर से ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है। केवल इस तरह के निर्देश आए हैं। इसीलिए मछुआ समुदाय मत्स्य पालन और बिक्री करने वाले लोगों को जानकारी दी जा रही है। जिससे अधिक से अधिक लोग आर्थिक मदद पा सकें।

मछुआरों का होगा पांच लाख का बीमा

केंद्र सरकार ने मत्स्य पालन या या बिक्री करने वाले मछुआरों के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना भी शुरू किया है। इसके तहत मछुआरों का बीमा भी किया जाएगा। मछुआ समुदाय के मुखिया और उसके परिवार के लोगों का भी पांच लाख रुपए तक का बीमा किया जाएगा। इसके लिए आयु 18 से 60 वर्ष तक निर्धारित की गई है। अन्य जाति के लोग जो मछली पालन का काम करते हैं उनको भी निशुल्क बीमा प्रदान किया जाएगा। मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य उमेश सिंह ने बताया कि अब तक देखा जाता है कि मत्स्य व्यवसाय करने वाले मछुआ समुदाय के लोग यदि दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं लेकिन उन्हें कोई लाभ नहीं मिलता था इसलिए उनको यह बीमा सरकार द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा मछुआरों के अपंग होने पर भी ढाई लाख रुपए तक का बीमा किया जा रहा है। यदि कोई मछली का काम करने वाला व्यक्ति अपंग हो जाता है तो उसे यह लाभ दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए सभी लोग अपना रजिस्ट्रेशन करा लें। एक बार रजिस्ट्रेशन कराने के बाद सरकार की तरफ से मछुआ समुदाय के लिए चलाई जा रही अन्य योजनाओं का भी लाभ मिल जाएगा।

योजनाओं की नहीं मिल पाती जानकारी

जानकारी का अभाव होने के कारण मछुआ समुदाय से जुड़े लोग सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते हैं। लॉकडाउन के दौरान खड़ी हुई समस्या के दृष्टिगत सरकार की तरफ से आ रही आर्थिक मदद की जानकारी अब तक बहुत कम मछुआरों को है। इसलिए अब तक महज 20 लोगों ने ही रजिस्ट्रेशन कराया है। जब कि व्यवसाय करने वाले कुल 200 लोग विभाग में पंजीकृत हैं।

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