Rechercher dans ce blog

Saturday, June 26, 2021

बत्तख पालन को व्यवसाय बना खेती के साथ किसान कर सकते हैं मोटी कमाई, बस इन बातों का रखना होता है ध्यान - TV9 Hindi

बत्तख पालन शुरू करने के लिए सबसे जरूरी आसपास में पानी के स्रोत का होना है. किसान कृत्रिम तालाब बनाकर भी बत्तख पालन कर सकते हैं. बत्तख से अंडे और मांस दोनों ही रूप में मुनाफा कमाया जा सकता है.

बत्तख पालन को व्यवसाय बना खेती के साथ किसान कर सकते हैं मोटी कमाई, बस इन बातों का रखना होता है ध्यान

बत्तख (PTI Photo)

अंडा और मांस प्रोटिन के अच्छा स्रोत माने जाते हैं. कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में भी अंडे को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. यहीं कारण है कि शरीर में इसकी पूर्ति के लिए लोग अंडे और मांस का सेवन करते हैं. इसी मांग को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर मुर्गी, बत्तख और बकरी पालन का काम हो रहा है. इससे किसान अपनी जरूरतों को पूरा करने के साथ ही अतिरिक्त आय भी करते हैं.

किसानों के लिए बत्तख पालन अच्छी आय का जरिया है. बत्तख के अंडे और मांस दोनों से किसानों को अच्छा मुनाफा हो जाता है. आम तौर पर उन्नत नस्ल की बत्तख से एक साल में 300 से ज्यादा अंडे प्राप्त होते हैं. अंडे का वजन 65 से 70 ग्राम के बीच होता है. वहीं मुर्गी की तुलना में बत्तख के मांस से मुनाफा भी ज्यादा होता है. इस तरह से देखा जाए तो बत्तख पालन काफी मुनाफे का सौदा है.

बत्तख पालन शुरू करने के लिए सबसे जरूरी आसपास में पानी के स्रोत का होना है. जहां पर बत्तख आसानी से प्रजनन कर अंडे दे सके और विचरण कर सके. किसान कृत्रिम तालाब बनाकर भी बत्तख पालन कर सकते हैं. बत्तख से अंडे और मांस दोनों ही रूप में मुनाफा कमाया जा सकता है.

इन बातों का रखें ध्यान

बत्तखों में रोगों से लड़ने की क्षमता मुर्गियों से ज्यादा होती है. लेकिन गर्मियों के मौसम में इन्हें खास देखभाल की जरूरत होती है. इसके लिए बत्तखों के रहने की जगह पर गंद पानी, गंदा दाना-पानी, दूसरे जानवरों से नजदीकी और गिला कूड़ा न रहे तो अच्छा होता है.

-आवास का फर्श सूखा व साफ रखें.
-बत्तखों के चूजे हमेशा रोहरहित व अच्छी नर्सरी से लें.
-बीमार बत्तखों को तुरंत अलग कर दें.
-मृत बत्तखों को जला दें या कहीं दूर लेजाकर दबा दें. -चिकित्सक से सलाह लेकर जरूरी टीके लगवाएं.
-इस व्यवसाय में नुकसान को कम करने के लिए चूजों पर विशेष ध्यान दें. चूजों की कमी का सीधा असर व्यवसाय पर पड़ता है.

चूजों का ऐसे रखें ध्यान

-चूजों को टिन गार्ड के घेरे में रखें.
-अंडों से निकले चूजों को फर्श पर रखने से पहले चटाई जरूर बिछा दें.
-5 से 6 हफ्तों तक हर 2 से 3 दिनों में चटाई को धूप में सुखाएं.
-चूजों को रोज दिन में 3 से 4 बार साफ पानी पिलाएं.
– चूजों को बारिक दाना दें.
-1 महीने बाद चूजों को तालाब में छोड़ें लेकिन शिकारी पशु-पक्षियों से उनकी रक्षा अवश्य करें.

खेती के साथ कर सकते हैं यह काम

4 महीने की उम्र में नर व मादा की पहचान हो जाती है. अगर आहार पर ध्यान दिया जाए तो बत्तखें 5 माह बाद अंडे देने लगती है. इस समय बत्तख के आहार में जरूरी पोषक तत्व शामिल करें. इस तरह बत्तख पालन कर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. किसान चाहें तो खेती और मछली पालन के साथ भी बत्तख पालन कर सकते हैं. इससे एक ही समय में मुनाफे की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.

ये भी पढ़ें- इस तरह से करेंगे सिंचाई तो 50 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी प्रोडक्टिविटी, किसानों की आय में भी होगी बढ़ोतरी

स्रोत- डीडी किसान

Adblock test (Why?)


बत्तख पालन को व्यवसाय बना खेती के साथ किसान कर सकते हैं मोटी कमाई, बस इन बातों का रखना होता है ध्यान - TV9 Hindi
Read More

No comments:

Post a Comment

सोलर प्लांट से बिजली का उत्पादन करेंगे हनुमान, पप्पू व छोटेलाल का होगा खुद का व्यवसाय - Patrika News

[unable to retrieve full-text content] सोलर प्लांट से बिजली का उत्पादन करेंगे हनुमान, पप्पू व छोटेलाल का होगा खुद का व्यवसाय    Patrika New...