प्रयागराज, जेएनएन। लॉकडाउन के कारण अभी साल भर पहले ही व्यवसाय को बदलना पड़ा था। कारोबार के बदलाव के समय इसके चलने को लेकर मन में थोड़ा संशय भी था। हालांकि बेहतर व्यवस्था और ग्राहकों के सकारात्मक रुख के कारण कारोबार सरपट दौडऩे लगा। इस बार कोरोना की दूसरी लहर के कारण मई में जब कोरोना कर्फ्यू लगा तो भी व्यापार पर कोई असर नहीं पड़ा। बल्कि, खाद्य सामग्री यानी अन्न (ग्रामरी) का धंधा पहले से कहीं ज्यादा तेजी से चढ़ा। एक महीने में खाद्य सामग्री की बिक्री में करीब 15 से 20 फीसद की वृद्धि भी हुई।
राजीव का रेस्टोरेंट का व्यवसाय मंदा हुआ तो नई उम्मीद भी दिखी
कारोबारी राजीव चड्ढा का बमरौली में रेस्टोरेंट का व्यवसाय था। पिछले साल मार्च में लॉकडाउन हुआ तो पहले किसी को कुछ समझ नहीं आया। लोगों ने सोचा कि यह दो-चार अथवा हफ्ते 10 दिन की बात है, फिर सब ठीक हो जाएगा। इसलिए लॉकडाउन को लोग घर में पिकनिक की तरह मनाने लगे। स्वजनों के साथ लुत्फ उठाने संग कोरोना बीमारी से बचाव भी किया। हालांकि लॉकडाउन बढऩे लगा तक लोगों की हुड़क बढऩे लगी।
कारोबारी ने खाद्य सामग्री का शुरू किया व्यवसाय
राजीव बताते हैं कि उन्होंने अनुभव किया कि यह लंबा चलेगा। रेस्टोरेंट चलना बंद हो गया। स्टॉफ का भी खर्च चलाना था। ऐसे में विचार आया कि जो (खाद्य सामग्री) बिक रही उसका व्यवसाय करें। तब ऑलमार्ट सेल्फ सर्विस ग्रासरी खोला। धीरे-धीरे ग्राहकों का विश्वास बढऩे लगा तो करीब छह-सात किमी के दायरे के भी लोग घूमते-टहलते हुए सामान लेने के लिए मार्ट में आने लगे। दावा किया कि ग्राहकों की शारीरिक दूरी भी बनी रही। हलवाई की दुकानें भी बंद होने से लोगों को खाने के लिए मिठाइयां नहीं मिल रही थी मगर यहां पैक्ड हाइजेनिक मिठाइयां लोग खरीदते थे।
कारोबार में 15 से 20 फीसद का हुआ इजाफा
फरवरी महीने में मार्ट का विस्तार करते हुए क्राकरी और गिफ्ट आइटम, पूजन सामग्री की भी दुकानें खोली गईं। इस बार आंशिक कोरोना कर्फ्यू में जब हर दुकानें बंद थीं तो लोग घर में बैठकर ऊब गए थे। अपनी ऊब को दूर करने के लिए लोग मार्ट में घूमने आए तो शापिंग भी बढ़ा दी। इसका नतीजा हुआ कि सामान्य दिनों की तुलना में कारोबार में करीब 15 से 20 फीसद का इजाफा हुआ।
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World Food Safety Day: कोरोना कर्फ्यू में बदला व्यवसाय, हौसले से सरपट दौड़ा अन्न का कारोबार - दैनिक जागरण
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