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जासं, पंतनगर : जीबी पंत कृषि विवि के कुलसचिव डा. एसके शुक्ला ने बताया कि राष्ट्रीय मत्स्य पालन कार्यक्रम का मकसद मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देना है। मत्स्य विज्ञानी मत्स्य बीजों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नवीन शोध एवं प्रयास कर रहे हैं। खेती के साथ मत्स्य पालन सह-व्यवसाय के तहत अतिरिक्त आय के लिए किसानों की पहली पसंद है।
शनिवार को राष्ट्रीय मत्स्य पालक दिवस पर विश्वविद्यालय के मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कुलसचिव डा. शुक्ला ने कहा कि राज्य के मत्स्य पालक विवि के संपर्क में रहकर नवीन तकनीकी के जरिये मत्स्य पालन को उत्कृष्ट बनाएं। उन्होंने कहा इससे उनकी आजीविका में सुधार आएगा और आर्थिक स्थिति में मजबूत होगी। कृषि महाविद्यालय के डीन डा. एसके कश्यप ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि मत्स्य पालन में मत्स्य प्रजनन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। इस दिशा में शोध जरूरी है।
डा. अमिता सक्सेना ने कहा कि राष्ट्रीय मत्स्य पालक दिवस मनाने में डा. हीरा लाल चौधरी का महत्वपूर्ण योगदान है। मत्स्य उत्पादन में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है। इससे पूर्व डा. एके. उपाध्याय ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। इस दौरान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में चंदन सिंह, प्रथम, गौरव उपाध्याय, द्वितीय एवं हरीश शर्मा, तृतीय स्थान पर रहे। इस मौके पर प्रदेश के मत्स्य पालकों को मत्स्य बीज दिए गए। कार्यक्रम का संचालन डा. अनूप सचान ने किया। इस मौके पर जीबी पंत विवि के कार्यवाहक अधिष्ठाता मत्स्य विज्ञान डा. अमिता सक्सेना, विभागाध्यक्ष एक्वाकल्चर, डा. अवधेश कुमार, डा. आशुतोष मिश्रा समेत अन्य कई प्रतिभागी मौजूद थे।
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सह व्यवसाय में मत्स्य पालन किसानों की पहली पसंद - दैनिक जागरण
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