जासं, भदोही : इनोवेशन काउंसिल (नवाचार परिषद) के तत्वाधान में श्यामा प्रसाद मुखर्जी राजकीय महाविद्यालय में गुरुवार को बौद्धिक संपदा अधिकार विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्राचार्य प्रो. मुरलीधर राम ने नवाचार परिषद के महत्व से अवगत कराते हुए छात्रों को नए विचारों के क्रियान्वयन के लिए प्रेरित किया।
भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) की प्रोफेसर डा. बेट्टी दासगुप्ता ने छात्रों को कापीराइट के अंतर्गत मौलिक लेखन, गायन या साहित्यिक रचनाओं के अधिकार से परिचित कराया। बताया कि ट्रेडमार्क किसी भी व्यापार या व्यवसाय का पहचान होता है।.उसकी नकल कोई दूसरा नहीं कर सकता। कहा कि किसी भी नए अविष्कार का पेटेंट ले लेना चाहिए अन्यथा व्यवसाय में हानि होने की संभावना बनती है। उन्होंने हल्दी, नीम, कारपेट आदि के पेटेंट से संबंधित कानूनी विवादों की चर्चा करते विभिन्न आयामों को समझाया। बताया कि भदोही कारपेट को (भौगोलिक संकेतक) जीआई टैग मिला हुआ है। यह टैग पूर्वांचल के नौ जिलों से संबंधित है। इन जिलों के बाहर बनी हुई कारपेट भदोही कारपेट के नाम से बेचना कानूनी अपराध है। भौगोलिक संकेतक 2010 में अंकटाड, इंडियन चैंबर्स आफ कामर्स, अमेरिकन चैंबर्स आफ कामर्स की मदद से मिला थ। कहा कि किसी भी व्यवसाय को सफल बनाने के लिए ट्रेड को सीक्रेट रखना आवश्यक होता है। अन्यथा दूसरे प्रतिस्पर्धी उसका लाभ उठा सकते हैं। नवाचार परिषद के अध्यक्ष डा. राजकुमार सिंह यादव ने बताया कि बेरोजगारी को कम करना और अर्थव्यवस्था मजबूत करने के उद्देश्य से स्वरोजगार के लिए छात्रों को प्रेरित किया जा रहा है। इस मौके पर डा. आशुतोष कुमार श्रीवास्तव, डा. गौतम गुप्ता, डा. अनुराग सिंह,डा. यशवीर सिंह डा. सत्येंद्र प्रसाद, डा. माया यादव आदि थे।
किसी भी व्यवसाय का पहचान होता है ट्रेडमार्क - दैनिक जागरण
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