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हरदोई | संवाददाता
कोविड से अपने घर का मुखिया खोने वाली अनुसूचित जाति की महिलाओं को आर्थिक रूप से सबल बनाने के लिए आशा योजना का शुभारंभ किया गया है। योजना के तहत महिलाओं को पांच लाख रुपए उपलब्ध करवाए जाएंगे। योजना का लाभ लेने के लिए अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग की महिला के पास कोविड से परिवार के सदस्य की मृत्यु का सर्टिफिकेट का होना अनिवार्य है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी श्रद्धा पांडे ने बताया तीन लाख वार्षिक आय वर्ग के परिवारों को ही योजना का लाभ दिया जाएगा। योजना की पात्रता प्राप्त करने वाली महिलाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए पांच लाख रुपए उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसमें से एक लाख रुपया समाज कल्याण निगम अनुदान के तौर पर देगा। चार लाख रुपए निगम चार प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से दस साल के लिए देगा।
लांड्री लगा सकेंगे एससी एसटी वर्ग के लोग: अनुदान पर लांड्री लगाने के लिए एससी व एसटी वर्ग के लोगों को भी निगम चार प्रतिशत ब्याज की दर से लोन उपलब्ध करवाएगा। लाभार्थियों को लांड्री लगाने पर दस हजार रुपए का अनुदान भी दिया जाएगा।
योजना का लाभ लेने के लिए शहर के निवासियों की वार्षिक आय 56060 व ग्रामीणों के लिए 46080 या उससे कम होनी चाहिए।
सरकारी सहायता से बना सकेंगे दुकानें
अनुसूचित जाति व जनजाति के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को बाजार या सड़क मार्ग के किनारे स्थित भूखंडो पर दुकान बनाने के लिए अनुदान दिया जाएगा। जनपद को 20 दुकाने बनाने का लक्ष्य दिया गया है। समाज कल्याण निगम 78 हजार रुपए दो किश्तों में देगा, इसमें दस हजार अनुदान व शेष चार प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर बतौर कर्ज दिया जाएगा।
अनुसूचित जाति की महिलाओं को निशुल्क सिलाई मशीनें
अनुसूचित जाति की महिलाओं को सिलाई स्वरोजगार शुरू करने को सिलाई मशीनें दी जाएंगी। योजना के तहत चयनित महिलाओं को बीस हजार रुपए की मदद की जाएगी। दस हजार रुपए निगम की ओर से अनुदान होगा वहीं दस हजार रुपए बिना ब्याज का किश्तों में वापस करना होगा।
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