Publish Date: | Wed, 29 Sep 2021 08:07 PM (IST)
लोकेंद्रसिंह परिहार * पेटलावद (नईदुनिया न्यूज)। आधे-अधूरे स्लाटर हाउस में मछली और मांस विक्रेताओं को शिफ्ट करने के लिए एक बार फिर से प्रशासन ने अपना अड़ियल रवैया दिखाया है। गत दिनों नपं सभाकक्ष में प्रशासन ने नगर के मछली और मांस विक्रेताओं को पंपावती नदी किनारे पर बने स्लाटर हाउस में शिफ्ट होने के लिए चर्चा बैठक नपं सभाकक्ष में बुलाई जिसमें एसडीएम शिशिर गेमावत ने विक्रेताओं को अपनी-अपनी दुकानें वहां लगाने के निर्देश दिए। अब हर बार की तरह फिर से यही सवाल उठ रहा है कि आखिर विक्रेता वहां कैसे शिफ्ट होंगे। सब्जी मंडी के नाम से लाखों खर्च कर दुकानें नपं ने बनाई थीं, वहां तो प्रशासन सब्जी मार्केट शिफ्ट नहीं कर सका, फिर ऐसे में मछली और मटन विक्रेताओं के साथ दोहरी नीति प्रशासन क्यों अपना रहा है।
गौरतलब है कि नगर में कम से कम 40 दुकानें मांस-मछली विक्रेताओं की हैं लेकिन उन्हें उनकी जगह से हटाकर आखिर सरकारी तंत्र कहां शिफ्ट करेगा। नपं द्वारा 13 दुकानें वहां बनाई गई हैं, जो सिर्फ नाममात्र की है और तो और जहां दुकानें बनाई गई हैं वह जगह बिलकुल भी इन विक्रेताओं के लिए उचित नहीं है। मछली-मांस विक्रेताओं का कहना है कि किसी भी अधिकारी ने हम विक्रेताओं से कभी आकर नहीं पूछा कि आपके लिए दुकानें बनानी है तो कैसे बनाई जाए, क्या-क्या सुविधाएं होनी चाहिए और कहां बनाई जाए।
तीन धार्मिक स्थल की ओर जाता है रास्ता
मटन-चिकन विक्रेता नबू कुरैशी, नासीर शेख, मुन्ना कुरैशी, जफर हुसैन कादरी, ईमरान कुरैशी ने बताया- जहां स्लाटर हाउस बना है वह स्थान ही उचित नहीं है, तो कैसे वहां हम चले जाएं। मान भी लीजिए वहां हमें शिफ्ट कर दिया जाए, लेकिन जहां ये दुकानें बनी है वह रास्ता नगर के प्रसिद्घ तीन धार्मिक स्थलों से होकर गुजर रहा है।
सारी गंदगी पंपावती नदी में
एक ओर प्रशासन पम्पावती नदी के सुंदरीकरण की बात करते हैं, तो वहीं अगर यहां ये दुकानें लगती है तो फिर सारा अपशिष्ट नदी में मिलना स्वभाविक है तो कहां से नदी शुद्घ हो पाएगी। विक्रेताओं का कहना है कि हम नहीं चाहते कि हमारी वजह से हमारे नगर की सुंदरता पर कोई दाग लगे। हम तो यह चाहते हैं कि हमें स्लाटर हाउस कहीं ओर बनाकर दे दिया जाए जिसमें सभी सुविधा हो और किसी को भी कोई परेशानी न आए।
आंगनवाड़ी भवन से सटा हुआ स्लाटर हाउस
नियमों की अगर बात की जाए तो स्लाटर हाउस ऐसे किसी स्थान पर बनाया जाना चाहिए, जहां न तो किसी को समस्या हो और न ही उन विक्रेताओं को परेशानी आए। लेकिन नपं ने जब इसका निर्माण किया तो जल्दबाजी में गलत स्थान का चयन कर लिया और जैसा स्लाटर हाउस अन्य बड़े शहरों में बने हुए हैं, वैसी सुविधाएं नहीं दे पाई। नपं ने यहां स्लाटर हाउस बनाने से पहले यह भी नहीं देखा कि जहां यह बनाना है वहीं सटी हुई आंगनवाड़ी केंद्र है। यहां मासूम बधाों का क्या होगा। सबसे बड़ा नुकसान उन मासूमों की सेहत पर पड़ेगा ही साथ ही आसपास रहवासी भी परेशान होंगे।
Posted By: Nai Dunia News Network
13 दुकानों पर 40 विक्रेता कैसे करेंगे व्यवसाय - Nai Dunia
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