समस्तीपुर11 घंटे पहले
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![पूसा में प्रशिक्षणार्थियों को जानकारी देते डॉ. रंजन। - Dainik Bhaskar](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/12/22/orig_21samstipur-07_1640127645.jpg)
पूसा में प्रशिक्षणार्थियों को जानकारी देते डॉ. रंजन।
- कम पूंजी और छोटी जगह में इस कारोबार को शुरू कर किसान कर सकते हैं बेहतर कमाई
कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली के परिसर में लाभकारी दुग्ध उत्पादन एवं पशुधन प्रबंधन के विषय पर महिला किसानों के लिए आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दूसरे दिन पशु वैज्ञानिक डॉ. रंजन कुमार ने महिला किसानों को बकरियों के प्रजनन, आहार और उनके स्वास्थ्य प्रबंधन को लेकर तमाम तरह की जानकारियों से रूबरू कराया। उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान महिला किसानों को केवीके के परिसर में लगाएं गए एजोला, नेपियर, सुबबूल आदि घास को दिखाते हुए सभी लोगों को तमाम तरह के घासों को उगाने के तौर तरीके तथा बकरियों को खिलाने के तरीकों से भी अवगत कराया। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि बकरीपालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसे बहुत कम पूंजी और छोटी जगह में सरलता से शुरू किया जा सकता है।
बिहार के सीमान्त और भूमिहीन किसान आज के समय में बकरीपालन कर उसके दूध तथा मांस से अच्छी आय प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इतना ही नही व्यवसायिक रूप से बकरियों के खाल, बाल और रेशों का भी महत्व काफी अधिक है। बकरियों के गोबर का प्रयोग खेती में खाद के रूप में किया जाता है जो अन्य गोबर की तुलना में ज्यादा फायदेमंद हैं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षणार्थी यहां से बकरीपालन का प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने घर पर छोटे स्तर पर ही सही लेकिन बकरीपालन का व्यवसाय जरूर शुरू करें। इस व्यवसाय को शुरू करने पर केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा अनुदान का भी प्रावधान है जिसका लाभ महिला किसान आसानी से उठा सकती हैं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के अंतिम दिन यानी बुधवार को विवि के पशु संस्थान के वैज्ञानिक डॉ.आरके अस्थाना प्रशिक्षणार्थियों को बकरियों के जनन के समय होने वाली मुख्य बीमारियों एवं उससे जुड़े बचाव की जानकारी देंगे।
सलाह: बकरी पालन का व्यवसाय किसानों के लिए लाभकारी - दैनिक भास्कर
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