संवाद सूत्र, मधेपुरा : जिला मुख्यालय में छोटे-मोटे काम कर रात बिताने वाले उन मजदूरों के लिए खेदन बाबा चौक स्थित नगर परिषद की ओर से बना रैन बसेरा फायदेमंद है। लाखों की लागत से बने इस तीन मंजीले रैन बसेरा में रहने व खाने-पीने की सारी व्यवस्था की गई है। खासकर ठंड की कनकनी भरी रात से बचने के लिए यहां जहां कंबल का इंतजाम किया गया है। शौच के लिए सुव्यवस्थित शौचायल व स्नानागार का भी इंतजाम किया गया है। राहगीरों की देख-रेख के लिए केयर टेकर व नाइटगार्ड का भी इंतजाम किया गया है। यहां प्रति प्लेट 35 रुपये की दर से भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। बुधवार को रैन बसेरा का जायजा लेने पर पता चला कि रैन बसेरा में केवल तीन फेरी वाला अपना डेरा डाले हुए हैं। सभी बिहार के बाहर यानी यूपी के रहने वाला थे। वह दिन भर शहर व देहाती क्षेत्रों में घूम-घूमकर कपड़ा बेचते हैं और शाम ढलते ही यहां पहुंच जाते हैं। कड़ाके की ठंड में उनके लिए अलाव की व्यवस्था करने की बात प्रबंधक कंचन शर्मा द्वारा कही गई, लेकिन पड़ताल के दौरान देखा गया कि कैंपस में कहीं भी लकड़ी नहीं रखी हुई थी। सुरक्षा का रखा जाता है ध्यान
तीन मंजीले मकान में सबसे ऊपर महिलाओं के रहने की व्यवस्था है। उनके सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है, लेकिन अभी एक भी महिला यहां नहीं रह रही है। पहले तल पर पुरुषों के रहने की व्यवस्था है। कमरे में कई चौकी लगी थी। यहां इलाज के लिए कोई चिकित्सक तो पदस्थापित नहीं हैं, लेकिन जब कोई व्यक्ति बीमार हो जाते हैं तो उसे केयरटेकर की देखरेख में सदर अस्पताल में मुफ्त इलाज कराया जाता है। सभी कर्मियों को नगर परिषद की ओर से वेतन का भुगतान ससमय कर दिया जाता है।
Edited By: Jagran
रैन बसेरा का शरण नहीं ले रहे गरीब, दिन में व्यवसाय करने वाले रात में डालते डेरा - दैनिक जागरण
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