रायपुर। राजधानी रायपुर के नगर निगम क्षेत्र में हजारों स्ट्रीट वेंडर्स हैं जो सड़कों के किनारे ठेले खोमचे लगाकर व्यवसाय करते हैं। इन्हें व्यवस्थापित करने के लिए वेंडर्स जोन चिन्हित किये गए हैं, लेकिन इन स्थानों पर व्यवसाय प्रभावित होने की चिंता इन्हें सताने लगी है। इसी मुद्दे को लेकर वेंडर्स ने अधिकारियों के समक्ष अपना विरोध जताया।
नगर निगम प्रशासन का मानना है कि ठेलेवालों के चलते यातायात बाधित हो रहा है और राजधानी के व्यस्ततम सड़कों पर अव्यवस्था फैली हुई है। इस वजह से निगम के सभी 10 जोन में स्थान चिन्हित किये गए हैं जहां सभी स्ट्रीट वेंडर्स को व्यवस्थित करने की योजना है। इसी कड़ी में एक दिन पूर्व ही नगर निगम के अधिकारी आभाष मिश्रा जोन 5 और 7 के प्रभारियों के साथ साइंस कॉलेज, NIIT, दीनदयाल ऑडिटोरियम के पास ठेला लगाने वालों को आमानाका ब्रिज के नीचे वैकल्पिक जगह दिखाने ले गए। इस दौरान छत्तीसगढ़ हॉकर्स फेडरेशन के गौतम बंदोपाध्याय ने चयनित स्थल पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इस स्थल पर ग्राहक तो पहुंचेगा ही नहीं, ऐसे में ठेलों को यहां व्यवस्थित करने का क्या औचित्य?
स्ट्रीट वेंडर्स के कानून की उड़ा रहे धज्जियां
गौतम बंदोपाध्याय ने बताया कि पूर्व में यूपीए सरकार द्वारा देश के स्ट्रीट वेंडर्स की आजीविका सुरक्षित करने के लिए स्ट्रीट वेंडर्स Act-2014 नामक कानून संसद में पारित किया गया। मगर इस कानून में जो प्रावधान दिए गए हैं नगर निगम के अधिकारी उसका पालन नहीं कर रहे हैं, जबकि तीन वर्ष पहले ही CG हाईकोर्ट ने रायपुर नगर निगम को इन ठेलेवालों को वैकल्पिक जगह देकर व्यवस्थित करने निर्देश दिया था। सच तो यह है कि स्ट्रीट वेंडिंग दुनिया के सबसे पुराना और स्वाभिमानी रोजगार है। जब कोई रोजगार उपलब्ध नहीं होता है, तो परिवार के भरण पोषण के लिए स्ट्रीट वेंडर्स का काम करना भी मजबूरी होती है। इनके लिए वैकल्पिक स्थल का मतलब यह नहीं होता कि किसी भी जगह का चयन कर लिया जाये। ऐसी जगह जहां आम लोगो के पहुँचने की सम्भावना ही नहीं हो वह स्ट्रीट वेंडर्स को विस्थापित करने की क्या जरुरत है।
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शहर में 58 वेंडिंग जोन का हो चुका है चयन
नगर निगम रायपुर के एडिशनल कमिश्नर अभिषेक अग्रवाल बताते हैं कि शहर में कुल वेंडर्स की संख्या 13 हजार 959 है, जिनके लिए पूरे 10 जोन में 58 वेंडिंग जोन चिन्हित किये गये हैं। सड़क की ट्रैफिक व्यवस्था को देखते हुए और वेंडर्स के हित में जगहों का चयन किया गया है। वहीं निगम के वरिष्ठ अधिकारी आभाष मिश्रा का कहना है कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की सड़कों और वेंडर्स के संबंध में जो गाइडलाइन है उसी के मुताबिक ठेले वालो को विस्थापित किया जायेगा, एक ही जगह पर इन्हे स्थापित करने से आम लोग भी वहाँ पहुंचेंगे।
बहरहाल स्ट्रीट वेंडर्स के लिए नई व्यवस्था कायम करने के लिए निगम प्रशासन को काफी मशक्क्त करनी होगी। बेहतर ये होगा कि स्ट्रीट वेंडर्स के लिए ऐसे स्थानों का चयन किया जाये, जहाँ आम लोग भी पहुँच सके और अपनी जरूरत के सामान खरीद सकें।
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स्ट्रीट वेंडर्स के लिए नए स्थल के चयन पर आपत्ति, व्यवसाय पर प्रभाव पड़ने की आशंका से चिंतित हैं लघु व्यवसायी - The Rural Press
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