Publish Date: | Mon, 10 Jan 2022 05:05 PM (IST)
सागर(नवदुनिया प्रतिनिधि)। सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मोतीनगर में निर्धन छात्रों का शुल्क जमा करा कर शिक्षा का महत्व समझाया एवं हमेशा इस तरह के छात्रों का शुल्क जमा कर शिक्षा में अग्रसर रहने की प्रेरणा दी।
प्राचार्य विनोद दुबे ने कहा कि शिक्षा प्रगति में सहायक वहीं होता है जो इसका महत्व समझता है आज का समाज अंग्रेजी शिक्षा में बहकर समाज व परिवार में बाधक बन रहा है। पूर्व छात्र नीलेश जैन ने कहा कि गुरुदेव श्री विद्यासागर महाराज की प्रेरणा, डा. हरीसिंह गौर से शिक्षा प्रगति एवं प्रत्यक्ष रूप से समाजसेवा को लाभ पहुंचाने की प्रेरणा मिली। इसी को ध्यान रखते हुए मुझे शिक्षा प्रगति में सहायक बनने का अवसर यहां अध्ययन रत भैया बहिन का शुल्क जमा करने से प्राप्त हुआ।
मीडिया प्रभारी ने अपने विचारों में कहा कि इस संस्थान में शिक्षा व्यवसाय नहीं संस्थान में संस्कार व समर्पण का भाव प्रस्फुटित कराया जाता है हमारे अध्ययनरत भैया/बहिनों में शिक्षा तो पुस्तकों से प्राप्त हो जाती है पर सेवा भाव अपने परिवार से ही प्राप्त होती है।
आचार्य रामनिवास चौबे ने अपने कथन में कहा कि नगर में भामाशाह अपनी दानशीलता में अग्रसर है। शिक्षा दान, औषधि दान,वस्त्र दान, रक्तदान, नेत्रदान इनमें शिक्षा का अपना महत्व है, यदि मनुष्य ने शिक्षा प्राप्त कर ली तो वह समाज सुधारक बनकर सभी दान में अपनी महत्ता प्रदान करने में समर्थ हो सकता है। व्यवसायी एवं समाजसेवी संजीव जड़िया ने भी नौनिहालों का शुल्क जमा कर शिक्षा प्रदान कराने में अपनी भूमिका प्रदान कराई। रामबाबू पाराशर ने बताया कि नीलेश जैन पूर्व छात्र व जिनेन्द्र सिंघई, अवधेश तिवारी, अमित जैन, नितिन साहू,विकाश केशरवानी एवं विशाल जैन ने अटल टेंकरिंग प्रयोगशाला में जाकर साइकिल का मोटरसाइकिल में परिवर्तन,अंधों का सहारा बनी छड़ी का अवलोकन कर प्रसन्नाता व्यक्त की। भैया विशाल जैन द्वारा बहिन तनिष्का नागार्च, दिशी नगार्च व भैया दिव्यांश अहिरवार का शुल्क जमा कराया। भैयों के इस कदम पर सरस्वती शिक्षा समिति सहसचिव आकाश मिश्रा एवं आचार्य परिवार ने आभार व्यक्त किया।
Posted By: Nai Dunia News Network
शिक्षा व्यवसाय नहीं संस्थान में संस्कार व समर्पण का भाव - Nai Dunia
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