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Author: JagranPublish Date: Mon, 25 Apr 2022 12:16 AM (IST)Updated Date: Mon, 25 Apr 2022 12:16 AM (IST)
देवरिया: महंगाई की मार से आम आदमी से लेकर हर वर्ग के लोग परेशान हैं। इसका असर होटल व रेस्टोरेंट के व्यवसाय पर भी पड़ा है। व्यवसाय मंदा होने से व्यवसायियों के सामने चुनौतियां बढ़ गई हैं।
कामर्शियल गैस, सब्जी, पनीर, पेय पदार्थ, आटा, दाल, रिफाइंड, तेल, देशी घी व मसालों के दामों में बढ़ोतरी से होटल व रेस्टोरेंट संचालक परेशान हैं। डीजल के दामों में उछाल से जनरेटर खर्च बढ़ गया है। स्टाफ का वेतन निकालना मुश्किल हो गया है। होटल व रेस्टोरेंट संचालकों ने पिछले वर्ष की अपेक्षा 10 से 20 प्रतिशत रेट बढ़ाया है। जनपद की बात करें तो शहर में 100 से ज्यादा छोटे-बड़े होटल व रेस्टोरेंट हैं। सभी जगहों पर व्यावसायिक गैस सिलिडर का उपयोग खाना पकाने में होता है। व्यावसायिक गैस सिलिडर व खाद्य सामग्रियों के दामों में उछाल का असर दिख रहा है। बचत न होने से होटल व कर्मचारियों का खर्च निकालना मुश्किल नजर आ रहा था। जिसके कारण दामों में बढ़ोतरी करनी पड़ी है। पांच प्रतिशत देना पड़ता है जीएसटी
होटल व रेस्टोरेंट संचालकों को भोजन पर पांच प्रतिशत जीएसटी देना पड़ता है। जिसके कारण भोजन के दाम में बढ़ोतरी के साथ कर भी देना पड़ता है। इसका असर यह है कि व्यवसाय 50 प्रतिशत तक कम हो गया है। लोगों का रुख होटलों व रेस्टोरेंट की तरफ कम हो गया है। औद्योगिक क्षेत्रों में महंगाई का दिख रहा असर
औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित फैक्ट्रियों को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है। उत्पादों के निर्माण में काम आने वाली वस्तुओं की कीमत में वृद्धि से उत्पादन लागत काफी बढ़ गया है। लोहा, बेल्डिग राड, गैस, पेंटिग मैटेरियल्स, मजदूरी आदि में बढ़ोत्तरी हुई है। जिसका बिक्री पर बुरा असर पड़ा है। उत्पादन लागत में 25 से 35 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। फैक्ट्री संचालकों के समक्ष आर्थिक कठिनाइयां पैदा हो गई है। कई कंपनियां बंद होने के कगार पर है। पिछले कुछ वर्षों से महंगाई की मार से आम लोगों के साथ ही व्यवसायी वर्ग भी प्रभावित है। होटल व रेस्टोरेंट व्यवसाय पर बुरा असर पड़ा है। खाने-पीने की चीजों के दाम काफी बढ़ गए हैं। इसका असर होटलों व रेस्टोरेंटों पर दिख रहा है। आमदनी आधी हो गई है।
कृष्ण मोहन उपाध्याय, रिसेप्शन मैनेजर, होटल महंगाई का असर उद्योगों पर पड़ा है। निर्माण में काम आने वाली वस्तुओं के दामों में बढ़ोतरी का असर उद्योगों पर पड़ा है। उत्पादन लागत बढ़ने से बिक्री प्रभावित हुई है। सरकार को महंगाई कम करने के लिए सोचना चाहिए।
संजीव कुमार अरोरा, चैप्टन चेयरमैन आइसक्रीम के दामों में पिछले तीन वर्षों में बढ़ोतरी हुई है। कंपनियों ने महंगाई को देखते हुए कुछ उत्पादों के वजन कम कर दिए तो कुछ के दाम बढ़ा दिए। पिछले दो वर्षों से कोरोना काल में आइसक्रीम खाने वालों की संख्या कम रही, लेकिन इस बार महंगाई के बाद भी आइसक्रीम खरीदने दुकान पर आ रहे हैं।
मदनलाल चौरसिया, संचालक, आइसक्रीम पार्लर होटलों में खाने के बढ़े दाम
आइटम का नाम--वर्ष 2020---वर्ष 2021---- वर्ष 2022
दाल---80-----90------120
पनीर की सब्जी----180 ---200---250
मिक्स सब्जी--150-----160 ----180
चावल-----85 -----90 ---105
(रुपये प्रति प्लेट की दर से) तंदूरी रोटी-----15 ----20 -----30
चाय-----20 ----25 ---32
काफी----30 ----35 ---53 रुपये प्रति कप
(नोट : तंदूरी रोटी प्रति पीस व चाय-काफी रुपये प्रति कप) आइसक्रीम के दामों में हुई बढ़ोतरी
उत्पाद का नाम---वर्ष 2020----वर्ष 2021---2022
चाकलेट-----17 ----20 ----25
स्ट्राबेरी---12 -----15 -----20
वनिला---8 ---10----15
टूटी फ्रूटी--13----15----20
कुल्फी--8 ----10 ------15
कोन---8 ---10------12
(नोट - आइसक्रिस की दर रुपये प्रति पीस)
Edited By: Jagran
महंगाई का होटल व रेस्टोरेंट व्यवसाय पर पड़ा असर - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
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