Publish Date: | Mon, 25 Apr 2022 12:49 AM (IST)
कवर्धा। कोरोना के चलते लाकडाउन के कारण कुंभकारों का 2 सालों से धंधा व्यवसाय ठप हो चुका था। अब दो साल बाद उनके चेहरों पर रौनक आने लगे हैं। कुंभकार जिले से लेकर ग्रामीण अंचलों तक गांव-गांव मटका और गुड्डा-गुड़िया निर्माण कर गांव-गांव जा कर बेचने लगे हैं और ग्रामीण खरीदारी कर रहे हैं, ताकि अक्ती पर्व धूमधाम से मनाया जा सके। अक्ती पर्व 3 मई को मनाया जाएगा, जिसकी तैयारी ग्रामीण लोगों ने मटका और पुतरी पुतरा को खरीदकर घर ला रहे हैं। 3 मई को पुतरा-पुतरा की शादी रचाई जाएगी और पूरी विवाह शादी की रस्में पूरी की जाएगी। विवाह को लेकर नौनिहाल बच्चे भी खुश हैं। कुंभकार जोर शोर से मिट्टी से बने मटके बेच रहे हैं। अच्छी आमदनी कमाने लगे हैं। अब कुंभकारो के चेहरे खिलने लगे हैं। अक्ती पर्व के दिन किसान अपने खेतों में धान की बुवाई करते हैं जिसे शुभ माना जाता है। वही पेड़ पौधे, धार्मिक स्थलों तथा मुक्तिधाम में अपनी-अपनी पूर्वजों की मिट्टी से बने हुए मटका से जल की वर्षा की जाती है। पिछले 2 सालों से कोरोनावायरस तथा लाकडाउन के कारण रोजी रोटी पर गहरा प्रभाव पड़ा था। जिनके कारण पेट पालना मुश्किल हो गया था।
कुंडा में भागवत कथा आयोजन
विकासखण्ड पंडरिया के ग्राम कुंडा में नौ दिवसीय संगीतम श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ कथा का आयोजन किया जा रहा है। इसका आयोजन सरस्वती देवी अमित, अजित, सुजीत एवं सुमित सिंह राजपूत के निवास पर राष्ट्रपति पदक प्राप्त शिक्षक स्व.रमाशंकर राजूपत के वार्षिक श्राद्व पर किया जा रहा है।
कथा व्यास अचार्य नूतन शर्मा कुंडा वाले आचार्य पं. विजयदत्त शर्मा, परायणकर्ता प.श्री शुभम शर्मा, यजमान राधिका अमित सिंह हैं। कथा समय दोपहर 2 बजे से प्रारंभ होकर शाम06 बजे तक चलता है। वही संगीतमय श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ कथा का समापन 27 अप्रैल को गीता दान, तुलसी वर्षा, वार्षिक पिण्डदान, हवन, तर्पण सहस्त्रधारा विसर्जन शांति भोज के साथ होगा।
Posted By: Nai Dunia News Network
कोरोनाकाल में बंद था कुम्हारों का व्यवसाय अब गांव-गांव जाकर घड़े बेचने में जुटे - Nai Dunia
Read More
No comments:
Post a Comment