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Author: JagranPublish Date: Fri, 22 Apr 2022 06:31 PM (IST)Updated Date: Fri, 22 Apr 2022 06:31 PM (IST)
कुंदन कुमार, सहरसा : सहरसा जिला प्रशासन बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत मखाना का बड़ा-बड़ा प्रसंस्करण उद्योग और मधु तैयार और पैकेजिग यूनिट के जरिए बड़ी संख्या में लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने की रणनीति बना रहा है।
डीएम ने इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों की सक्रियता बढ़ा दिया है। इस योजना में यूनिट स्थापना के लिए अधिकतम पांच करोड़ तक ऋण और डेढ़ करोड़ तक अनुदान का प्रावधान है। इससे इलाके की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और मजदूरों का पलायन भी रूकेगा।
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उद्योग स्थापना के लिए पांच करोड़ तक मिल सकेगा ऋण
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इस योजना के तहत राज्य सरकार ने सात प्रमुख सेक्टर मखाना, फल- सब्जी, शहद, औषधीय और सुगंधित पौधे, मक्का च बीज प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने की योजना बनाया है। कोसी क्षेत्र में मक्का और मखाना के साथ बेहतर किस्म के मधु के उत्पादन, ब्रांडिग, पैकेजिग व बिक्री के लिए विशेष रणनीति बनाई जा रही है। इसके लिए उद्योग स्थापना के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। इस योजना में 25 लाख से पांच करोड़ तक ऋण का प्रावधान है। इसमें 15 से 30 फीसद तक अनुदान मिलेगा। अनुसूचित जाति- जनजाति के लाभुकों को इस योजना का लाभ लेने पर पांच प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान मिल सकेगा।
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एक जिला एक उत्पाद को भी मिलेगा बढ़ावा
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प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अंतर्गत एक जिला एक उत्पाद के लिए सहरसा जिले को मखाना के चयन किया जा रहा है। जहां मखाना उत्पादन के लिए बड़े पैमाने पर मनरेगा से तालाबों की खुदाई हो रही है, वहीं मखाना का लावा तैयार करने के लिए प्रसंस्करण उद्योग के लिए बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति योजना का लाभ लिया जाएगा। जिला प्रशासन इसके लिए जोर- शोर से तैयारी में जुटा है। संबंधित अधिकारियों को लाभुकों की तलाश कर शीघ्र योजना से लाभांवित करने की रणनीति बनाई गई है।
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इस योजना से कोसी क्षेत्र में मखाना, मधु व मक्का के व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा। इससे इलाके के लोगों को रोजगार मिलेगा। लोगों का पलायन रूकेगा और इलाके की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
राहुल रंजन
सहायक निदेशक, उद्यान, सहरसा।
Edited By: Jagran
मखाना और मधु व्यवसाय से पलायन पर लगेगा विराम - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
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