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नई दिल्ली: देश में डिजिटल इंडिया मिशन के तहत केंद्र सरकार द्वारा लगातार दमदार कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित एक बैठक में 5जी सेवाएं प्रदान करने के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। ये प्रस्ताव दूरसंचार विभाग द्वारा लाया गया था और इसे मंजूरी मिलने के बाद अब जल्द ही स्पेक्ट्रम बिक्री की प्रोसेस शुरू हो जाएगी और जो भी सबसे ऊंची बोली लगाएगा उसे 5जी स्पेक्ट्रम दे दिए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सरकार लगातार देश भर में डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है। सरकार ने इसके लिए डिजिटल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, मेक इन इंडिया समेत अन्य मिशन भी लॉन्च किए है और देश को डिजिटल करने के मिशन को अपनी एक प्रमुख नीति के रूप में पेश किया है।
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देश भर में दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहे इंटरनेट यूजर्स
ब्रॉडबैंड, विशेष रूप से मोबाइल ब्रॉडबैंड, नागरिकों के दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। 2015 के बाद से देशभर में 4जी सेवाओं के तेजी से विस्तार के माध्यम से इसे काफी मदद मिली है। देश भर में इंटरनेट के यूजर्स भी लगातार बढ़ते ही जा रहे है जिससे ये साफ होता है कि भारत निरंतर इंटरनेट कनेक्टिविटी के मामले में आगे बढ़ रहा है। देश भर में साल 2014 में इंटरनेट का उपयोग करने वाले सिर्फ 10 करोड़ यूजर्स थे वहीं इसकी तूलना में मात्र 8 साल में ही इनकी संख्या 80 करोड़ तक पहुंच गई है और ये दोगुनी स्पीड से बढ़ रही है।
सरकार ने अपनी विभिन्न नीतियों के माध्यम से इंटरनेट को लोगों के जीवन का एक विशेष अंग बनाने में मदद की है। सरकार ने अंत्योदय परिवारों को भी मोबाइल बैंकिंग, ऑनलाइन बैंकिंग, ऑनलाइन एजुकेशन और ई-राशन समेत अन्य तरीकों से इंटरनेट से जोड़ा है और उन्हें इसके बारे में जागरूक भी किया है।
देश में जल्द शुरु होगी स्वदेशी 5जी टेक्नोलॉजी
देश में बनाया गया 4G इकोसिस्टम अब 5G के स्वदेशी विकास की ओर ले जा रहा है। देश भर के 8 टॉप प्रौद्योगिकी संस्थानों में 5G टेस्ट बेड सेटअप लगाया गया है जिसके माध्यम से जल्द ही भारत स्वदेशी तरीके से 5G सेवाएं देने लगेगा और 5जी के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बन सकेगा। मोबाइल हैंडसेट, दूरसंचार उपकरणों के लिए पीएलआई (उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन) योजनाएं और भारत सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत से भारत में 5जी सेवाओं के शुभारंभ के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम बन चुका है। वह समय दूर नहीं जब भारत 5G तकनीक और आने वाली 6G तकनीक के क्षेत्र में एक अग्रणी देश के रूप में उभरने वाला है।
स्पेक्ट्रम पूरे 5G इको-सिस्टम का एक अभिन्न और आवश्यक हिस्सा है। आगामी 5G सेवाओं में नए युग के व्यवसाय बनाने, उनके रेवेन्यू को बढ़ाने और नई टेक्नोलॉजी के उपयोग से युवाओं को रोजगार प्रदान करने की क्षमता है।
20 साल की अवधि के लिए मिलेंगे स्पेक्ट्रम
20 साल की वैधता अवधि के साथ कुल 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी जुलाई, 2022 के अंत तक की जाएगी। ये नीलामी अलग अलग मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम के लिए की जाएगी जिसमें सबसे कम लेवल पर 600,700 और 800, 900, 1800, 2100 और 2300 मेगाहर्ट्ज की नीलामी होगी। मिड लेवल पर 3300 मेगाहर्ट्ज की नीलामी होगी वहीं हाई लेवल पर 26 गीगाहर्ट्ज़ फ्रीक्वेंसी बैंड की नीलामी की जाएगी।
सरकार द्वारा यह उम्मीद की जाती है कि मिड और हाई बैंड स्पेक्ट्रम का उपयोग टेलीकॉम कंपनियों द्वारा 5G बेस्ड सेवाएं रोल आउट करने के लिए किया जाएगा जो वर्तमान 4G सेवाओं के माध्यम से संभव की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक होगा।
वित्तीय गारंटी जमा करने की नहीं है आवश्यकता
सितंबर 2021 में घोषित किए गए टेलीकॉम सेक्टर रिफॉर्म के माध्यम से इस स्पेक्ट्रम नीलामी को काफी मदद मिलेगी। सुधारों में आगामी नीलामी में प्राप्त स्पेक्ट्रम पर शून्य स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) शामिल है, जो परिचालन लागत के मामले में टेलीकॉम सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों को एक महत्वपूर्ण राहत प्रदान करता है। इसके अलावा, एक वार्षिक किस्त के बराबर वित्तीय बैंक गारंटी जमा करने की आवश्यकता को भी समाप्त कर दिया गया है।
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20 किश्तों में किया जा सकता है भुगतान
दूरसंचार क्षेत्र में सुधारों की गति को जारी रखते हुए, मंत्रिमंडल ने व्यापार करने में आसानी के लिए आगामी स्पेक्ट्रम नीलामी के माध्यम से बोली लगाने वालों द्वारा प्राप्त किए जाने वाले स्पेक्ट्रम के संबंध में विभिन्न प्रगतिशील विकल्पों की घोषणा की है। पहली बार, सफल बोलीदाताओं द्वारा अग्रिम भुगतान करने की कोई अनिवार्य आवश्यकता नहीं है। स्पेक्ट्रम के लिए भुगतान 20 समान वार्षिक किश्तों में किया जा सकता है जिसका भुगतान प्रत्येक वर्ष की शुरुआत में अग्रिम रूप से किया जाना है। इससे कैश फ्लो की समस्या नहीं होगी और बिजनेस करना और भी आसान होगा और ये इज़ ऑफ डुइंग बिजनेस की ओर भी एक बेहतरीन कदम है इतना ही नहीं बिडर्स को 10 साल के बाद बिना किसी बोझ के स्पेक्ट्रम को सरेंडर करने का भी विकल्प दिया गया है।
250 मेगाहर्ट्ज के 2 कैरियर भी किए जाएंगे आवंटित
5जी सेवाओं को रोल आउट करने के लिए पर्याप्त मात्रा में बैकहॉल स्पेक्ट्रम भी बेहद जरूरी है। बैकहॉल की मांग को पूरा करने के लिए, मंत्रिमंडल ने दूरसंचार सेवा देने वाली कंपनियों को ई-बैंड में प्रत्येक 250 मेगाहर्ट्ज के 2 कैरियर अस्थायी रूप से आवंटित करने का निर्णय लिया है। मंत्रिमंडल ने 13, 15, 18 और 21 गीगाहर्ट्ज़ बैंड के मौजूदा फ्रीक्वेंसी बैंड में ट्रेडिशनल माइक्रोवेव बैकहॉल कैरियर की संख्या को भी दोगुना करने का निर्णय लिया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को मिलेगा बढ़ावा
कैबिनेट ने प्राइवेट कैप्टिव नेटवर्क के भी डेवलपमेंट को मंजूरी दी है जिससे देश भर में नए इंडस्ट्री 4.0 के इनोवेशन हो सकेंगे जिसमें मशीन टू मशीन कम्यूनिकेशन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और एग्रीकल्चर, हेल्थकेयर,एनर्जी और अन्य सेक्टर में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा मिल सकेगा।
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first published:June 15, 2022, 12:42 p.m.
देश में 5जी सेवाएं शुरू होने से बढ़ेगा व्यवसाय, युवाओं को मिलेगा रोजगार - News24 Hindi
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