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कालाअंब (सिरमौर)। ईंधन संकट के बीच औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर भी असर पड़ने लगा है। कालाअंब से माल की ढुलाई में लगे लगभग 300 वाहनों की रोजाना आवाजाही होती है। क्षेत्र में लगभग 110 पंजीकृत ट्रांसपोर्ट कंपनियां कार्यरत हैं। इनके माध्यम से औद्योगिक इकाइयों से माल लेकर रोजाना 300 ट्रक, टेंपू और मल्टीएक्सल वाहनों के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों में माल की आपूर्ति करते हैं लेकिन वर्तमान में तेल संकट के चलते पहिया जाम की स्थिति में पहुंच गए हैं।
बताया जा रहा है कि तेल संकट के चलते कालाअंब से फिलहाल मात्र 50-60 गाड़ियों की ही आवाजाही हो रही है। तेल संकट से एक ओर जहां पंप मालिकों की नींद हराम हो गई है, वहीं ट्रक ऑपरेटर और ट्रांसपोर्टर भी काफी चिंतित हैं।
ट्रांसपोर्टर सुभाष चंद्र, मंजीत सिंह, शिवदयाल, सुभाष चंद, परमीत सिंह, तरणजीत, विजय व आकाश घोतरा आदि ने बताया कि कालाअंब में एक सप्ताह से छाए तेल संकट के कारण 70 फीसदी स्थानीय ट्रक ऑपरेटरों ने अपने वाहन खड़े कर दिए हैं। कालाअंब से रूटीन में रोजाना 300 मालवाहक वाहन आवाजाही करते थे लेकिन अब ये संख्या घटकर मात्र 50 से 60 ही रह गई है। तेल संकट से पूर्णतया पहिया जाम की स्थिति पैदा हो गई है। व्यवसाय चौपट होने लगा है। सरकार से जल्द इस दिशा में कोई कारगर कदम उठाने होंगे।
बता दें कि कालाअंब-मोगीनंद-जोहड़ों में कुल पांच पेट्रोल पंप हैं, जिनमें से तीन पंप एचपीसीएल के और दो पेट्रोल पंप इंडियन ऑयल के हैं। आलम ये है कि एचपीसीएल के पंपों पर पेट्रोल बिल्कुल नहीं है और डीजल की खपत की अपेक्षा 50 प्रतिशत कम आपूर्ति हो रही है। ऐसी स्थिति में ट्रक ऑपरेटरों को गाड़ियों के लिए डीजल की भारी कमी हो गई है।
बताया जा रहा है कि तेल संकट के चलते कालाअंब से फिलहाल मात्र 50-60 गाड़ियों की ही आवाजाही हो रही है। तेल संकट से एक ओर जहां पंप मालिकों की नींद हराम हो गई है, वहीं ट्रक ऑपरेटर और ट्रांसपोर्टर भी काफी चिंतित हैं।
ट्रांसपोर्टर सुभाष चंद्र, मंजीत सिंह, शिवदयाल, सुभाष चंद, परमीत सिंह, तरणजीत, विजय व आकाश घोतरा आदि ने बताया कि कालाअंब में एक सप्ताह से छाए तेल संकट के कारण 70 फीसदी स्थानीय ट्रक ऑपरेटरों ने अपने वाहन खड़े कर दिए हैं। कालाअंब से रूटीन में रोजाना 300 मालवाहक वाहन आवाजाही करते थे लेकिन अब ये संख्या घटकर मात्र 50 से 60 ही रह गई है। तेल संकट से पूर्णतया पहिया जाम की स्थिति पैदा हो गई है। व्यवसाय चौपट होने लगा है। सरकार से जल्द इस दिशा में कोई कारगर कदम उठाने होंगे।
बता दें कि कालाअंब-मोगीनंद-जोहड़ों में कुल पांच पेट्रोल पंप हैं, जिनमें से तीन पंप एचपीसीएल के और दो पेट्रोल पंप इंडियन ऑयल के हैं। आलम ये है कि एचपीसीएल के पंपों पर पेट्रोल बिल्कुल नहीं है और डीजल की खपत की अपेक्षा 50 प्रतिशत कम आपूर्ति हो रही है। ऐसी स्थिति में ट्रक ऑपरेटरों को गाड़ियों के लिए डीजल की भारी कमी हो गई है।
पहिया जाम की स्थिति में पहुंचा ट्रांसपोर्ट व्यवसाय - अमर उजाला
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