![](https://www.jagranimages.com/images/jagran_logo.jpg)
Author: JagranPublish Date: Thu, 02 Jun 2022 05:59 PM (IST)Updated Date: Thu, 02 Jun 2022 05:59 PM (IST)
जागरण संवाददाता, भदोही : रूस-यूक्रेन के बीच चार माह से चल रहे घमासान का प्रभाव कालीन उद्योग पर पड़ रहा है। युद्ध लंबा खिचने के कारण यूरोपीय देश के ग्राहकों में अनिश्चितता की हालत बन गई है। अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, बेल्जियम सहित अन्य देशों के आयातक फिलहाल माल होल्ड करवाने लगे हैं। जबकि नए आर्डर मिलना लगभग बंद हो गया है। इससे कालीन उद्यमियों के माथे पर बल पड गया है। वैश्विक महामारी कोरोना से चौपट हुआ उद्योग जैसे-तैसे खड़ा हुआ तो रूस-यूक्रेन जंग नई मुसीबत के रूप में सामने आ गई। निर्यातकों का कहना है कि जिस तरह दोनों देशों के बीच युद्ध चल रहा उसे देखते हुए व्यापार बढ़ने की उम्मीद खत्म हो गई है। आयातक खरीदारी से बच रहे हैं। भारतीय कालीनों के सबसे बडे खरीदार अमेरिका के ग्राहकों ने भी नया आर्डर देना बंद कर दिया है।
निर्यातकों का मानना है कि युद्ध समाप्त होने के बाद भी हालात सामान्य होने में समय लगेगा। युद्ध के कारण अस्त व्यस्त हो चुकी आर्थिक स्थिति सुधरने में समय लगेगा। ग्राहकों की प्राथमिकता बदल जाती है। कालीन जैसे लग्जरी आइटम की खरीदारी को लेकर लोगों का उत्साह ठंडा पड़ जाता है। ऐसे में कालीन उद्योग के भविष्य के लिए यह समय बेहद चुनौती वाला हो गया है।
--------------------
दोनों देशों को होता आठ से दस करोड़ का निर्यात
रूस व यूक्रेन कालीन उत्पादों के बडे खरीदार देश नहीं हैं। दोनों देशों को आठ से दस करोड का सालाना निर्यात किया जाता है। जनपद के कुछ गिने चुने निर्यातक रूस-यूक्रेन से सीधे सीधे कालीन का व्यवसाय करते हैं। दोनों देशों के ग्राहक हाई क्वालिटी के महंगे कालीनों की खरीदारी करते हैं। चिता इन देशों से व्यवसाय प्रभावित होने की नहीं है। असली चिता तो इस बात की है कि यूरोप के अन्य देश भी युद्ध से प्रभावित हो रहे हैं। विशेषकर जर्मनी, अमेरिका कालीनों के सबसे बड़े खरीदार देश हैं।
------------------------
निर्यात परक उद्योगों पर गंभीर संकट
कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के पूर्व प्रशासनिक सदस्य व निर्यातक संजय गुप्ता का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के लंबा खिचने से यूरोपीय देशों के ग्राहकों में अनिश्चितता जैसे हालात हैं। पुराने आर्डर होल्ड कराए जा रहे हैं जबकि नए आर्डर नहीं मिल रहे। कालीन उद्योग के लिए यह ठीक नही है।
Edited By: Jagran
रूस-यूक्रेन युद्ध से कालीन व्यवसाय प्रभावित, नए आर्डर बंद, पुराने होल्ड पर - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
Read More
No comments:
Post a Comment