Author: JagranPublish Date: Fri, 29 Jul 2022 06:19 PM (IST)Updated Date: Fri, 29 Jul 2022 06:19 PM (IST)
जागरण संवाददाता, बटाला : स्वदेशी जागरण मंच द्वारा स्वावलंबी भारत अभियान के अंतर्गत बेरिग कालेजिएट स्कूल में उद्यमिता प्रोत्साहन सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें वक्ता के रूप में सनग्रेस सैलून व ब्यूटी पार्लर की मालिक रश्नीत अहलूवालिया ने कहा कि कुछ नया करने के लिए सोचते रहना चाहिए। केवल मात्र सपने लेने से ही जीवन में आगे नहीं बढ़ सकते। सपनों के पीछे भागना जरूरी है। जो लोग अवसरों की तलाश में कोशिश करते रहते हैं, वही दूसरों के लिए अवसर पैदा करते हैं। महिलाएं भी रोजगार सृजन में नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। हमें नौकरी ढूंढना नहीं है बल्कि नौकरियां पैदा करनी हैं। रोजगार में से रोजगार पैदा करना है।
स्वावलंबी भारत अभियान जिला बटाला के सह समन्वयक गौरव शैली ने बताया कि आज युवा केंद्रीय सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत उद्यमिता के क्षेत्र में कदम रख सकते हैं। स्टार्टअप के द्वारा अनेकों युवकों ने देश के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। अपने विचारों को हकीकत में बदलने के लिए हमें अपना पहला कदम उठाने की आवश्यकता है और फिर दृढ़ संकल्प से अपने कदमों को आगे बढ़ाना जरूरी है। स्वदेशी जागरण मंच के अमृतसर विभाग संयोजक व राष्ट्रीय परिषद सदस्य संदीप सलहोत्रा ने कहा कि स्वावलंबी भारत अभियान का उद्देश्य भारत के युवाओं की मानसिकता को बदलना है। भारत को उत्पादन क्षेत्र में विश्व में अग्रणी बनाना है। भारत में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए उद्यमिता क्षेत्र का मजबूत होना जरूरी है। केवल मात्र नौकरियां प्राप्त करने की प्रवृत्ति देश को आर्थिक तौर पर मजबूत नहीं कर सकती।
प्रिसिपल राजन चौधरी ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि उनको विदेश भागने के बजाय स्वयं का व्यवसाय शुरू कर खुद और दूसरों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने चाहिए। विदेश चले जाने से देश की समस्याएं हल नहीं हो सकती। वरिष्ठ कार्यकर्ता सुमत सोढ़ी ने स्कूल प्रिसिपल, मैनेजमेंट, अध्यापकों विद्यार्थियों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर नीलम महाजन, करण चड्ढा, हरिओम जोशी, मनीष सल्होत्रा, नरेश महाजन बैंक मैनेजर, प्रदीप महाजन, सीमा बटालवी, गीता अग्रवाल, मधु महाजन, गौतम, राजन त्रेहन आदि मौजूद थे।
Edited By: Jagran
विदेश जाने के बजाय स्वयं का व्यवसाय शुरू करें युवा.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
Read More
No comments:
Post a Comment