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प्रमुख दस्तावेज जो रखने होंगे
संस्थानों को अब दस साल तक अपनी कैश बुक, खाता-बही, जनरल, ओरिजनल बिल और बिल की कॉपी, रिसीव्ड कॉपी, लेन-देन को स्पष्ट करने वाले अन्य दस्तावेज, रिसर्च, बिल्डिंग, इंफ्रास्ट्रक्क्चर, मशीनरी, उपकरण या अन्य संसाधनों के लिए डोनेशन और उसके खर्च से संबंधित पूरे दस्तावेज, डोनर के पेन नम्बर और आधार नम्बर रखने होंगे।
देश में कुछ संस्थाएं ही ऐसी हो सकती हैं जो चैरिटी के नाम पर व्यवसाय या अन्य कामों में संलग्न हैं, लेकिन ज्यादातर छोटी धार्मिक संस्थाएं हैं। सुरेंद्र कुमार जैन, निर्यातक सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है, क्योंकि कई संस्थाएं चैरिटी के नाम पर खुली हैं, लेकिन जमकर व्यवसाय कर रही हैं, ऐसी संस्थाओं पर अंकुश लगाया जा सकेगा। विजय गर्ग, वरिष्ठ कर सलाहकार
Social and Religious Institutions: चैरिटी के नाम पर जमकर व्यवसाय, अब लगेगी लगाम - Patrika News
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