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गौरीगंज (अमेठी)। जिला मुख्यालय गौरीगंज रेलवे स्टेशन से सामानों के निर्यात से होने वाली आय में भारी गिरावट आई है। छह माह पहले नौ करोड़ रुपये प्रति माह का व्यवसाय करने वाला रेलवे स्टेशन अब एक करोड़ में सीमित हो गया है। व्यवसाय घटने का मुख्य कारण सीमेंट व गेहूं के निर्यात में कमी होना बताया जा रहा है।
लगातार व्यवसाय में वृद्धि होने से गौरीगंज रेलवे स्टेशन को विभाग ने उच्च श्रेणी में रखा है। यहां से गुजरात, कोलकाता व दक्षिण भारत समेत बंगलादेश को गेहूं का निर्यात किया जाता है। वहीं टिकरिया स्थित सीमेंट फैक्टरी प्रदेश के विभिन्न जिलों समेत कई राज्यों में सीमेंट का निर्यात करती है। अप्रैल माह से पहले 15 से 20 रैक सीमेंट व 10 से 12 रैक गेहूं का निर्यात किया जाता था। इससे स्टेशन की आमदनी में काफी बढ़ोत्तरी होती थी।
अप्रैल के आंकड़ों पर गौर करें तो गेहूं व सीमेंट के निर्यात से नौ करोड़ 12 लाख 56 हजार 283 रुपये की आमदनी हुई थी। यह आमदनी सितंबर में घटकर एक करोड़ 12 लाख 90 लाख 450 रुपये तक सिमटकर रह गई। मई से रेलवे स्टेशन से सामानों का निर्यात कम हो रहा है। आंकड़ों के अनुसार अगस्त में सबसे कम 60 लाख 55 हजार 19 रुपये की आमदनी हुई है। सामानों के निर्यात में कमी आने से रेलवे स्टेशन की आमदनी में भारी गिरावट आई है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार गेहूं व सीमेंट के निर्यात में कमी आई है। जिस महीने में जितना निर्यात होता है उसी के अनुसार रेलवे स्टेशन की आमदनी होती है। दिसंबर से अप्रैल तक गेहूं आदि सामानों का निर्यात अधिक होता है इसलिए इस माह में भाड़ा अधिक आता है।
रेलवे स्टेशन की पिछले छह माह की आमदनी
माह - आमदनी (करोड़ में)
अप्रैल - 9,12,56,283 रुपये
मई - 4,42,68,574 रुपये
जून - 1,62,77,648 रुपये
जुलाई - 1,63,27,888 रुपये
अगस्त - 00,60,55,019 रुपये
सितंबर - 1,29,04,150 रुपये
कना व लकड़ी का बंद हो गया निर्यात
एक दशक पहले बड़ी मात्रा में कना व लकड़ी का निर्यात रेलवे स्टेशन से किया जाता था। इससे रेलवे स्टेशन की आमदनी में भारी बढ़ोत्तरी हुई थी। लेकिन कना व लकड़ी का निर्यात अब बंद हो गया। इसके चलते रेलवे की आमदनी में गिरावट आने लगी।
लगातार व्यवसाय में वृद्धि होने से गौरीगंज रेलवे स्टेशन को विभाग ने उच्च श्रेणी में रखा है। यहां से गुजरात, कोलकाता व दक्षिण भारत समेत बंगलादेश को गेहूं का निर्यात किया जाता है। वहीं टिकरिया स्थित सीमेंट फैक्टरी प्रदेश के विभिन्न जिलों समेत कई राज्यों में सीमेंट का निर्यात करती है। अप्रैल माह से पहले 15 से 20 रैक सीमेंट व 10 से 12 रैक गेहूं का निर्यात किया जाता था। इससे स्टेशन की आमदनी में काफी बढ़ोत्तरी होती थी।
अप्रैल के आंकड़ों पर गौर करें तो गेहूं व सीमेंट के निर्यात से नौ करोड़ 12 लाख 56 हजार 283 रुपये की आमदनी हुई थी। यह आमदनी सितंबर में घटकर एक करोड़ 12 लाख 90 लाख 450 रुपये तक सिमटकर रह गई। मई से रेलवे स्टेशन से सामानों का निर्यात कम हो रहा है। आंकड़ों के अनुसार अगस्त में सबसे कम 60 लाख 55 हजार 19 रुपये की आमदनी हुई है। सामानों के निर्यात में कमी आने से रेलवे स्टेशन की आमदनी में भारी गिरावट आई है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार गेहूं व सीमेंट के निर्यात में कमी आई है। जिस महीने में जितना निर्यात होता है उसी के अनुसार रेलवे स्टेशन की आमदनी होती है। दिसंबर से अप्रैल तक गेहूं आदि सामानों का निर्यात अधिक होता है इसलिए इस माह में भाड़ा अधिक आता है।
रेलवे स्टेशन की पिछले छह माह की आमदनी
माह - आमदनी (करोड़ में)
अप्रैल - 9,12,56,283 रुपये
मई - 4,42,68,574 रुपये
जून - 1,62,77,648 रुपये
जुलाई - 1,63,27,888 रुपये
अगस्त - 00,60,55,019 रुपये
सितंबर - 1,29,04,150 रुपये
कना व लकड़ी का बंद हो गया निर्यात
एक दशक पहले बड़ी मात्रा में कना व लकड़ी का निर्यात रेलवे स्टेशन से किया जाता था। इससे रेलवे स्टेशन की आमदनी में भारी बढ़ोत्तरी हुई थी। लेकिन कना व लकड़ी का निर्यात अब बंद हो गया। इसके चलते रेलवे की आमदनी में गिरावट आने लगी।
छह माह में दस गुना घट गया गौरीगंज रेलवे स्टेशन का व्यवसाय - अमर उजाला
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