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Friday, October 7, 2022

औचक निरीक्षण, सहमे गेस्ट- पौड़ी गढ़वाल के रिसॉर्ट्स व्यवसाय को कैसे नुकसान पहुंचा रहा अंकिता हत्याकांड - ThePrint Hindi

ऋषिकेश: उत्तराखंड में 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की हत्या से नाराज स्थानीय निवासियों ने पिछले महीने पर्यटकों को पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित रिसॉर्ट वनंतरा की दिशा बताने वाला ब्लू फ्लेक्स बोर्ड नष्ट कर डाला था. अंकिता इसी रिसॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करती थी.

लेकिन अब ध्वस्त हो चुका वनंतरा रिसॉर्ट- जिसका मालिक भाजपा से निष्कासित नेता विनोद आर्य का बेटा पुलकित है और वही हत्या के मामले में मुख्य आरोपी भी है- जिले के गंगा भोगपुर गांव में एकमात्र ऐसा पर्यटक-केंद्रित व्यवसाय नहीं है, जिसे जनता की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है.

चीला नदी के किनारे स्थित चाय की दुकानें जो युवा बाइकर्स को गर्मागर्म मैगी, बन मस्का और चाय उपलब्ध कराती हैं, अब सूनी पड़ी हैं. नीरज रिवर फॉरेस्ट रिसॉर्ट ने वैध शराब लाइसेंस होने के बावजूद अपने साइनबोर्ड पर ‘बार’ शब्द को कवर करके छिपा दिया है.

Signboard of Neeraj River Forest Resort | Praveen Jain | ThePrint
नीरज रिवर फॉरेस्ट रिसार्ट | प्रवीण जैन/दिप्रिंट

नीरज रिसॉर्ट के फ्रंट ऑफिस मैनेजर तनुज गुप्ता ने कहा, ‘लोगों में बहुत गुस्सा है और अफवाहें फैल गई हैं कि अब यहां बार चलाने की अनुमति नहीं है. हम स्थानीय संस्कृति के प्रति संवेदनशील होने की कोशिश कर रहे हैं.’

वनंतरा से कुछ ही मीटर की दूरी पर स्थित राजाजी रिट्रीट के मालिक मोहित शर्मा ने दिप्रिंट को बताया, ‘रातोंरात, हमारे रिसॉर्ट की सभी बुकिंग रद्द कर दी गईं.’

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अब इन रिसॉर्ट में सबसे ज्यादा सरकारी अधिकारी ही आ रहे हैं, जो विभिन्न सरकारी विभागों की तरफ से जारी किए जाने वाले अग्नि सुरक्षा, प्रदूषण, भोजन, शराब और स्पा सेवाओं से संबंधित अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के सत्यापन और औचक निरीक्षण के लिए यहां पहुंचते हैं.

डाउन टाउन रिसॉर्ट के मालिक अभिषेक वशिष्ठ ने कहा, ‘हम सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं.’ इस रिसॉर्ट को अधिकारियों ने अग्नि सुरक्षा और अन्य मानदंडों के पालन में विफल होने के कारण सील कर दिया था.

गौरतलब है कि अंकिता हत्याकांड के आरोपी पुलकित आर्य को 22 सितंबर को सौरभ भाकर और अंकित गुप्ता के साथ गिरफ्तार किया गया था. दिप्रिंट ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि कैसे आर्य ने 14 साल पहले बाजार दर से कम कीमत पर यहां 0.8 एकड़ जमीन खरीदी थी. और करीब एक दशक पहले अवैध ढंग से एक कारखाना शुरू किया और वर्ष 2020 में एक रिसॉर्ट स्थापित किया.

पुलकित और अन्य दोनों आरोपियों के खिलाफ लोगों में इस कदर गुस्सा था कि 23 सितंबर को उन्हें कोटद्वार मजिस्ट्रेट कोर्ट ले जा रही पुलिस जीप को भीड़ ने घेर लिया. वाहन के अंदर बैठे तीनों आरोपियों पर लोगों ने जमकर घूंसे और थप्पड़ बरसाए. यही नहीं भीड़ ने उनके कपड़े तक फाड़ दिए, कुछ पुलिसकर्मियों ने उन्हें भीड़ से बचाने की कोशिश की लेकिन पूरी तरह सफल नहीं हो पाए.

स्थानीय किसान जगदीश राणाकोटी ने कहा, ‘अगर थोड़ी-सी भी छूट मिल जाती तो गांव वाले उसे (पुलकित) पीट-पीटकर मार डालते.’

दिप्रिंट ने फोन कॉल के जरिये कई बार पुलकित आर्य के परिवार से संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. प्रतिक्रिया मिलने पर इस रिपोर्ट को अपडेट कर दिया जाएगा.


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‘रिसॉर्ट में ठहरे गेस्ट सहमे’

राजाजी रिट्रीट के मोहित शर्मा ने कहा कि अंकिता भंडारी की हत्या को लेकर नाराजगी ने ऐसे समय व्यवसाय को प्रभावित किया है जब दो साल तक कोविड के कारण छाई रही मंदी के बाद कारोबार में तेजी आ रही थी. शर्मा ने बताया कि उनकी सफारी जीप बेकार खड़ी हैं और वह ड्राइवरों और अन्य कर्मचारियों को अपनी जेब से भुगतान कर रहे हैं.

नीरज रिसॉर्ट, जहां अधिकारियों ने अपेक्षित परमिट के अभाव में दो स्पा रूम सील कर दिया है, के महाप्रबंधक अंशुल राणा ने दिप्रिंट को बताया, ‘हमारे गेस्ट डर गए और चेक आउट कर गए. हम इसे लेकर भी काफी परेशान रहे कि सुरक्षा के लिहाज से चीजें कैसे मैनेज करें. स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश था और हमें बताया जा रहा था कि वे संपत्तियों को जला देंगे.’

वनंतरा के पास स्थित नौ रिसॉर्ट्स में से डाउन टाउन ही शायद सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. अधिकारियों ने दमकल विभाग से एनओसी प्राप्त न करने पर उपयुक्त स्तर पर पुलिस सत्यापन के बिना कर्मचारियों को काम पर रखने का हवाला देते हुए रिसॉर्ट को सील कर दिया है.

इस सब पर रिसॉर्ट मालिक अभिषेक वशिष्ठ का तर्क है, ‘फायर एनओसी 2021 में खत्म हो गई और हमने नए लाइसेंस के लिए आवेदन किया है लेकिन अभी कोई टीम निरीक्षण के लिए नहीं आई है. तेज बारिश में हमारे सीसीटीवी कैमरे खराब हो गए और कोई मैकेनिक उन्हें ठीक करने नहीं आ पाया. हमारे कर्मचारी बदलते रहते हैं और चूंकि उनमें से ज्यादातर स्थानीय हैं, इसलिए हमने उनका सत्यापन नहीं कराया था.’

Down Town resort | Praveen Jain | ThePrint
डाउन टाउन रिसार्ट | प्रवीण जैन/दिप्रिंट

रिसॉर्ट मालिकों का दावा है कि वैसे तो अफसरों की तरफ से निरीक्षण का काम नियमित तौर पर चलता रहता है लेकिन अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद से उनकी संख्या काफी बढ़ गई है.

नीरज रिसॉर्ट के राणा ने बताया, ‘हमने अब तक विभिन्न अधिकारियों को अपने लाइसेंस की 10-15 प्रतियां दी हैं. ग्राम प्रधान, स्थानीय खुफिया इकाई की टीमें और विशेष जांच दल (एसआईटी), यहां तक कि जिन विभागों के पास रिसॉर्ट्स की जांच करने का अधिकार नहीं है, वे भी आ रहे हैं क्योंकि वे चिंतित हैं. दरअसल, इस क्षेत्र में ऐसा अपराध बहुत ही असामान्य बात है.’

नीरज रिसॉर्ट के तनुज गुप्ता ने दिप्रिंट से कहा कि रिसॉर्ट क्षेत्रीय विकास के लिए काफी अहम हैं क्योंकि इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है और जब पर्यटक आते हैं तो क्षेत्र की अर्थव्यवस्था भी बढ़ती है. लेकिन ऐसी घटनाएं होने पर आसपास के सभी लोग प्रभावित भी होते हैं.’


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‘आर्य ने गेस्ट, कर्मचारियों से की लड़ाई’

जहां पर आर्य का कारखाना और रिसॉर्ट स्थित है, उस जमीन के पिछले मालिकों में से एक के भाई जगदीश राणाकोटी का कहना है कि पुलकित आर्य ‘चंबल के डाकुओं’ की तरह है. राणाकोटी ने दावा किया कि 2008 में जमीन खरीदने के दो दिन बाद ही आर्य अपने इस वादे से पलट गए कि वहां खड़ी धान की फसल के एक हिस्से को पकने और काटे जाने तक नष्ट नहीं किया जाएगा.

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि आर्य ने राणाकोटियों को जमीन की रजिस्ट्री के बाद उनके बकाया पैसे का कुछ हिस्सा फिर नहीं दिया. उन्होंने कहा, ‘हमारे परिवार ने इस मामले में आखिरकार हार मान ली क्योंकि हम राजनीति से जुड़े परिवार के साथ उलझना या अदालती लड़ाई में नहीं पड़ना चाहते थे.’

वहीं, स्थानीय निवासियों ने बताया कि आर्य कैसे ग्रामीणों के साथ बहस करता था और कर्मचारियों, खासकर प्रवासियों के साथ दुर्व्यवहार करता था. क्षेत्र के लोगों ने तो आर्य के स्वभाव के कारण उनके रिसॉर्ट में काम करने तक से इनकार कर दिया था. राजाजी रिट्रीट के शर्मा ने कहा, ‘हमने देखा है कि कैसे उसके रिसॉर्ट में काम करने वाले युवा लड़के बिना पैसों के सड़क पर बैठे होते थे. खुद मैंने ऐसे दो लड़कों को बस की टिकट खरीदने के लिए पैसे दिए ताकि वे अपने गांव लौट सकें.’

जब स्थानीय रिसॉर्ट मालिकों ने पिछले साल एक एसोसिएशन बनाने का फैसला किया, तो पुलकित ने कथित तौर पर जोर देकर कहा कि वे उन्हें ही अपना अध्यक्ष चुनें. शर्मा ने दावा किया, ‘कोई नहीं चाहता था कि वह एसोसिएशन का नेतृत्व करें और फिर इसका गठन ही नहीं हुआ क्योंकि वह अड़े थे.’

हालांकि, पुलकित ने अपने आंवला प्रसंस्करण कारखाने में आसपास के गांवों की महिलाओं को काम दे रखा था लेकिन आरोप लगता है कि प्रति पीस पैकेजिंग के लिए 90 पैसे की मामूली मजदूरी का भुगतान भी वह कभी-कभी महीनों तक लटकाए रखता था. पांच साल तक फैक्ट्री में काम करने वाली निधि जोशी ने कहा, ‘मजदूरी पहले इससे भी कम थी और जब महिलाएं विरोध करतीं, तो पुलकित उन्हें आश्वासन देता था कि उन्हें समय पर भुगतान करेगा और मजदूरी बढ़ाएगा, लेकिन ऐसा कभी नहीं किया.’

पुलकित का अपने रिसॉर्ट में आए गेस्ट से भी झगड़ा होता रहता था. ऐसे ही एक विवाद के बारे में ऑटोरिक्शा चालक मनमोहन नेगी ने बताया कि कुछ ग्राहकों के साथ उसकी लड़ाई काफी बढ़ गई थी. उनकी शिकायत थी कि रिसॉर्ट में मिली सुविधाएं उस स्तर की नहीं थी जैसा वेबसाइट पर विज्ञापित किया गया था और उन्होंने पूरी राशि का भुगतान करने से इनकार कर दिया था.

नेगी ने बताया, ‘मैं उस परिवार को अपने ऑटो में बैठाकर थाने ले गया था जहां पुलकित के साथ घंटों तक उनकी बहस होती रही.’ नेगी ने एक और घटना याद करते हुए बताया कि कैसे एक ग्राहक के साथ लड़ाई के दौरान पुलकित ने उनके बच्चों पर बगीचे से फल चुराने का आरोप लगा 1.5 लाख रुपये की मांग की थी.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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