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विगत दिनों बोनाल के नेतृत्व में वन रेंजर सुनील कुमार और रं कल्याण संस्था के संरक्षक अशोक नबियाल ने दारमा घाटी के चल गांव के पास तक भ्रमण किया। उन्होंने दर एवं बोगलिंग गांव में वन्य प्राणी संरक्षण के लिए ग्रामीणों के साथ जागरूकता बैठक की। बोनाल ने कहा कि पर्यटक स्थल पंचाचूली ग्लेशियर, आदि कैलाश, नारायण आश्रम, ओम पर्वत में केंद्रित पर्यटन ग्रामीणों के लिए अधिक लाभदायक होगा। उन्होंने कहा कि जागरूकता के साथ एकजुट होकर पर्यावरण, वन और वन्य प्राणी का संरक्षण करना होगा।
कहा कि क्षेत्र में यदि कोई पर्यावरण और वन्य जीवों को नुकसान पहुंचाता है तो उसकी सूचना तुरंत संबंधित विभाग को दें। रेंजर सुनील कुमार ने बताया कि कीड़ाजड़ी के दोहन और खरीद-फरोख्त के लिए राज्य सरकार ने नीति बनाई है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन करना आवश्यक होता है।
गलाती ऑफिस से अनुमति मिलने के बाद कीड़ाजड़ी को किसी भी प्रदेश में ले जा सकते हैं। बैठक में बोगलिंग प्रधान प्रियंका देवी, सामाजिक कार्यकर्ता कुंवर सिंह ग्वाल, बसंती ग्वाल, सरपंच दिलीप सिंह, नंदन सिंह बौनाल, सुरेंद्र सिंह बौनाल, खुशाल ग्वाल समेत कई ग्रामीण मौजूद रहे।
पालतू पशुओं के नुकसान की जानकारी दें
धारचूला (पिथौरागढ़)। सेवानिवृत एडीजी बोनाल ने कहा कि यदि वन्य जीवों द्वारा पालतू पशुओं को नुकसान पहुंचाया जाता है तो इसका वीडियो, फोटो वन विभाग और प्रशासन को दें। इससे संबंधित विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर जाकर जांच रिपोर्ट बना पाएंगे। इसके बाद पीड़ितों को मुआवजा मिलने में आसानी रहेगी। संवाद
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