नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। लखनऊ के शुक्ला परिवार के विजय शंकर शुक्ला ने खादी ग्रामोद्योग बोर्ड से 50,000 रुपये का लोन लेकर वर्ष 1985 में मेघदूत हर्बल (Meghdoot Herbal) की स्थापना की। यह ग्रामोद्योग सेवा संस्थान शुरू में एक मध्यम आकार का व्यवसाय था, जिसका एक ऑफिस और प्रोडक्शन प्लांट था, जिसमें आसपास के लोग नौकरी करते थे। बाद में विजय शंकर शुक्ला के व्यवसाय को उनके बेटे विमल शुक्ला ने संभाला।
पहले मेघदूत हर्बल अपने उत्पादों को घर-घर जाकर बेचती थी, जिसमें बिक्री का दायरा सीमित था, लेकिन धीरे-धीरे बदलाव आया और आज यह पूरे देश के कस्टमर्स तक अपनी पहुंच बनाने के लिए कोशिश कर रहा है। शुक्ला परिवार ने ई-कॉमर्स की ताकत को समझा और फ्लिपकार्ट समर्थ कार्यक्रम (Flipkart Samarth Program) से जुड़ने का फैसला किया। यह कदम मेघदूत हर्बल के लिए एक वरदान साबित हुआ। इससे इनके प्रोडक्ट्स की सेल कई गुना बढ़ गई।
आज मेघदूत हर्बल का बिजनेस काफी बढ़ गया है। आज ये अपने नाम से बाजार में 280 से ज्यादा प्रोडक्ट्स बेच रहे हैं। यह संस्थान हर्बल और अन्य प्राकृतिक उत्पाद व आयुर्वेदिक दवाएं बनाता है। यह सही मायने में मेड-इन-इंडिया फैमिली बिजनेस है, जिनके प्रोडक्ट्स हैंडमेड और हैंड-पैकेज्ड दोनों हैं।
वो विचार जिसकी वजह से मेघदूत हर्बल की किस्मत बदली
मेघदूत हर्बल का भाग्य तब बदला जब विमल शुक्ला के बच्चे विश्वास शुक्ला और विपुल शुक्ला इस फैमिली बिजनेस से जुड़े। उन्होंने पहचाना कि पूरे भारत में अपने व्यवसाय को फैलाने के लिए विविधता की आवश्यकता है। विश्वास शुक्ला कहते हैं, "किसी भी व्यवसाय के लिए ग्राहकों की अधिकतम संख्या तक पहुंचना बहुत महत्वपूर्ण है और पहले मेघदूत हर्बल की पहुंच केवल आसपास के क्षेत्रों तक सीमित थी, लेकिन फ्लिपकार्ट से जुड़ने के बाद स्थिति में बदलाव आया।"
लखनऊ में बैठकर पूरे देश में उत्पाद बेचने की रणनीति
यह 2019 का समय था जब मेघदूत हर्बल को देश के अलग-अलग हिस्सों में पहचान मिलने लगी। इसके पीछे के कारणों पर दोनों भाई कहते हैं, “हमें ‘फ्लिपकार्ट समर्थ' के जरिए ई-कॉमर्स की ताकत का फायदा उठाना था।" इस कार्यक्रम से जुड़ना मेघदूत हर्बल के लिए एक गेम चेंजर साबित हुआ। इसके तहत फ्लिपकार्ट ने मेघदूत हर्बल के प्रोडक्ट्स में विविधता लाने के लिए मदद की और उनके अकाउंट मैनेजर ने शुक्ला परिवार का मार्गदर्शन किया, ताकि ऑनलाइन ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्ट के सेल्स को बढ़ाया जा सके।
विमल शुक्ला के छोटे बेटे विपुल शुक्ला कहते हैं, “हम लगातार अपने उत्पाद की बिक्री की बढोत्तरी के बारे में सोच रहे थे, फिर हमें ई-कॉमर्स के बारे में विचार आया, जिसके बाद हम फ्लिपकार्ट समर्थ कार्यक्रम से जुड़े। इसने हमें लखनऊ में बैठकर पूरे भारत में मेघदूत हर्बल के प्रोडक्ट्स बेचने में मदद की।"
मेघदूत हर्बल की सफलता
आज मेघदूत हर्बल के नाम पर मार्केट में 280 प्रोडक्ट्स मौजूद हैं। मेघदूत हर्बल का उद्देश्य अपने आसपास के लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है। ज्यादातर फैक्टी में काम करने वाले लोग 10 किलोमीटर के दायरे में रहते हैं, जिसका यह फायदा हुआ कि उन्हें रोजगार के लिए अन्य शहरों और राज्यों में नहीं जाना पड़ा। यह आसपास के 300 लोगों को रोजगार देता है, जिनमें से लगभग 40% महिलाएं हैं, जो ज्यादातर पैकेजिंग सेक्शन में कार्यरत हैं। MSc या अन्य स्नातकोत्तर डिग्री वाले लोग लैब या प्रोडक्शन में काम करते हैं। मेघदूत हर्बल के साथ काम करने वाली महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बन रही हैं।
COVID-19 की चुनौतियां और फ्लिपकार्ट का समाधान
कोरोना वायरस नें पूरे विश्व भर में लोगों को प्रभावित किया और यह परिस्थिति मेघदूत हर्बल के लिए अलग नहीं था और इसका असर यह हुआ कि इनके प्रोडक्ट्स की मांग में तेजी से गिरावट देखी गई। उस समय ऐसा लग रहा था कि इनकी फैक्ट्री बंद हो जाएगी और इसमें काम करने वाले लोग बेरोजगार हो जाएंगे। हालांकि, शुक्ला परिवार ने इसे एक अवसर के रूप में देखा और एक उत्पाद के रूप में हैंड सैनिटाइजर लॉन्च किया, जिसे फ्लिपकार्ट पर लिस्ट किया गया। शुरुआत में इसके 100-110 ऑर्डर थे, जो बाद में बढ़कर 2,000-3,000 ऑर्डर प्रतिदिन हो गए। कोरोना के दौरान कई तरह के प्रतिबंधों के बावजूद इनके हैंड सैनिटाइजर पूरे भारत में ग्राहकों तक पहुंचे। शुक्ला परिवार ने इसका श्रेय फ्लिपकार्ट और उनके सप्लाई चेन नेटवर्क को दिया।
छोटे व्यापारियों को मिला बड़ा ऑनलाइन बाजार
2019 में लॉन्च फ्लिपकार्ट समर्थ प्रोग्राम राष्ट्रव्यापी पहल है, जिसका उद्देश्य ई-कॉमर्स के माध्यम से MSMEs, महिला नेतृत्व वाली कंपनी और दिव्यांग जनों द्वारा चलाई जाने वाली कंपनियों के विकास के नए अवसर खोलना है। इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य एक समावेशी, राष्ट्रव्यापी डिजिटल प्लेटफॉर्म के साथ कम सेवा वाले स्वदेशी समुदायों और छोटे उद्योगों की सहायता करना है और प्रोडक्ट्स की क्षमता को विकसित करने के लिए उनकी मदद करना है। अपने लॉन्च के साथ फ्लिपकार्ट समर्थ प्रोग्राम ने 1.5 मिलियन से अधिक आजीविकाओं को प्रभावित किया है।
मेघदूत हर्बल के बिजनेस की प्रगति को देखते हुए विमल शुक्ला कहते हैं, “जब आपके बच्चे बिजनेस से जुड़ते हैं तो एक नया उत्साह आता है और यह चीज हमारे बिजनेस में दिखा। आज मेघदूत हर्बल 1 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार कर रहा है, जिसमें फ्लिपकार्ट समर्थ प्रोग्राम का महत्वपूर्ण योगदान है, जिसने हमें अपने उत्पादों को पूरे भारत में बेचने में सक्षम बनाया।" मेघदूत हर्बल को आम दिनों में 400 से अधिक ऑर्डर मिलते हैं, वहीं फ्लिपकार्ट के द बिग बिलियन डेज के दौरान यही बिक्री 1000-1200 तक पहुंच जाती है।
नोट- यह आर्टिकल ब्रांड डेस्क द्वारा लिखा गया है।
लेखक- शक्ति सिंह
Edited By: Siddharth Priyadarshi
Flipkart के मार्गदर्शन में लखनऊ का यह पारिवारिक व्यवसाय कैसे आगे बढ़ा और पूरे देश में फैल गया.. - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
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