बांका। कोरोना की मार ने कपड़ा व्यवसाय को पूरी तरह से चौपट कर दिया है। बांका बाजार रोजाना एक करोड़ का कारोबार सिर्फ कपड़े का कर रहा था। वहीं कोरोना की मार ने इसके व्यवसाय को एक तिहाई तक गिरा दिया है।
लगन के समय जहां अभी कपड़े की दुकानों की रौनक देखते ही बनती थी, वहीं सरकार के नियम के बाद ज्यादातर दुकान में दुकानदार सिर्फ बैठकर समय काट रहे हैं। लगन को लेकर ज्यादातर दुकानदारों ने कपड़े का एडवांस बुकिग के साथ माल भी स्टॉक कर लिया था, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने उनके व्यवसाय को इस बार भी पूरी तरह से चौपट कर दिया है। जानकारी हो कि बीते वर्ष भी कोरोना के कारण पूरा देश लॉकडाउन से जूझ रहा था। व्यापारियों को लगातार दूसरे साल नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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फोटो: 16 बीएएन 12
कोरोना ने इस बार भी कपड़ा व्यवसाय को पूरी तरह से चौपट कर दिया है। इस बार सभी दुकानदारों ने लगन को देखते हुए स्टॉक जमा कर लिया था। कोरोना की दूसरी लहर ने लगातार दूसरे वर्ष भी हमारी कमाई पर संकट के बादल खड़ा कर दिया है।
अनिल कुमार चौधरी, कपड़ा कारोबारी
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फोटो: 16 बीएएन 13
सरकार ने जो गाइडलाइन जारी किया है, उसमें बदलाव की जरूरत है। सरकार को लगन को देखते हुए कपड़ा कारोबारियों को रियायत देनी चाहिए। शाम में जब बिक्री का समय होता है। तब दुकान बंद कराने का फरमान सुनाया गया है। पूरे वर्ष रोटी पर आफत आ गई है।
कन्हैया कुमार, कपड़ा कारोबारी
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फोटो: 16 बीएएन 14
निश्चित रूप से कोरोना के कारण कपड़ा व्यवसाय प्रभावित हुआ है। लगन का समय है और पूरा बाजार शांत है। ऐसे में फिर एक साल नुकसान के लिए सभी व्यापारी को तैयार रहना होगा।
राहुल डोकानियां, कपड़ा कारोबारी
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कपड़ा दुकान में छाई वीरानगी, लाखों के माल स्टॉक - दैनिक जागरण
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